एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने बुधवार को कहा कि भारत की राजकोषीय स्थिति उम्मीद से ज्यादा मजबूत रहने के कारण वृद्धि को बल मिल सकता है। एडीबी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान में कोई बदलाव न करते हुए इसे 7 प्रतिशत बरकरार रखा है।
एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बहरहाल इसे मौसम संबंधी घटनाओं और भूराजनीतिक झटकों से पैदा होने वाले नकारात्मक जोखिमों को ध्यान में रखते हुए देखा जाना चाहिए।’ एडीबी ने जुलाई के परिदृश्य में कहा है कि भारत के औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर तेज बने रहने का अनुमान है और इसे आवास क्षेत्र के नेतृत्व में निर्माण क्षेत्र की जोरदार मांग से बल मिलेगा।
एडीबी ने उम्मीद जताई है कि मॉनसून सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है, जिससे कृषि क्षेत्र वापसी करेगा। वहीं सार्वजनिक निवेश की अगुआई में निवेश की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बैंकों द्वारा दिया जा रहा कर्ज, आवास की मांग को समर्थन कर रहा है और निजी निवेश की मांग सुधर रही है। बहरहाल सेवाओं की अगुआई में निर्यात में वृद्धि जारी रहेगी, जबकि वस्तु निर्यात में तुलनात्मक रूप से कम तेजी नजर आ रही है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे के हिसाब से सेवा पीएमआई दीर्घावधि औसत से ऊपर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने खासकर ग्रामीण इलाकों में निजी खपत में वृद्धि को देखते हुए अपने ताजा विश्व आर्थिक अनुमान (डब्ल्यूईओ) में मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया था। वित्त वर्ष 2026 के लिए एडीबी ने भारत के जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जैसा कि अप्रैल के परिदृश्य में कहा गया था।