प्रतीकात्मक तस्वीर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को करीब 7,052 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग व रेलवे की कई आधारभूत परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।
इनमें आंध्र प्रदेश में 3,653.10 करोड़ रुपये की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबे चार-लेन बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर का निर्माण और मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में 3,399 करोड़ रुपये की लागत वाली रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं शामिल हैं।
कैबिनेट के बयान के अनुसार “आंध्र प्रदेश में मंजूर बडवेल-नेल्लोर गलियारा तीन औद्योगिक गलियारों को संपर्क उपलब्ध कराएगा। इस क्रम में विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगक गलियारे (वीसीआईसी) पर कोप्पार्थी नोड, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगक गलियारे (एचबीआईसी) पर ओर्वकल नोड और चेन्नई-बेंगलूरु औद्योगिक गलियारे (सीबीआईपी) पर कृष्णापट्टनम नोड पर संपर्क मुहैया कराएगा। इससे देश के लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (एलपीआई) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’
इस प्रस्तावित गलियारे से कृष्णापट्टनम बंदरगाह के लिए दूरी 33.9 किलोमीटर कम हो जाएगी। लिहाजा यह दूरी मौजूदा बडवेल नेल्लोर रोड के जरिये जाने से 142 किलोमीटर से घटकर 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे आवाजाही में एक घंटे का समय बचेगा और ईंधन की बचते होगी। इसके अलावा कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आने के साथ साथ वाहन से आवाजाही की लागत (वीओसी) में गिरावट आएगी।
यह परियोजना सार्वजनिक निजी भागीदारी से बनाई जाएगी। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने दो रेल परियोजनाओं – रतलाम-नागदा की तीसरी व चौथी लाइन और वर्धा-बलहरशाह चौथी लाइन को भी मंजूरी दी।
यह रेल परियोजनाएं 2029-30 तक पूरी हो जाएंगी। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों के चार जिलों से गुजरने वाली दोनों परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बताया, ‘प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 784 गांवों को संपर्क बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 19.74 लाख है।’
ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पादों और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। देश में क्षमता वृद्धि के इन कार्यों से 1840 करोड़ टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई मिलेगी।