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अगस्त में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में 18% की कमी, कुल टैक्स कलेक्शन 2.9 लाख करोड़ रुपये

विशेषज्ञों को यह सुनिश्चित नहीं है कि एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में अगस्त महीने में कमी क्यों आई है, जबकि पेट्रोलियम का उत्पादन इस दौरान बढ़ा है।

Last Updated- October 02, 2023 | 9:33 PM IST
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अगस्त महीने में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह (excise duty collection) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 18 प्रतिशत कमी आई है। यह ऐसे समय में हुआ है, जब राज्यों को कर विभाजन के पहले कर संग्रह 94 प्रतिशत बढ़ा है। इस साल अगस्त में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह घटकर 23,576 करोड़ रुपये रह गया है, जो पिछले साल अगस्त में 28,816 करोड़ रुपये था।

वहीं दूसरी ओर कुल कर संग्रह इस महीने में बढ़कर 2.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2022-23 के अगस्त महीने में 1.5 लाख करोड़ रुपये था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है। विशेषज्ञों को यह सुनिश्चित नहीं है कि उत्पाद शुल्क संग्रह में अगस्त महीने में कमी क्यों आई है, जबकि पेट्रोलियम का उत्पादन इस दौरान बढ़ा है।

उत्पाद शुल्क से प्राप्तियों में न सिर्फ पिछले साल की तुलना में कमी आई है, बल्कि पिछले महीने की तुलना में भी यह कम है। जुलाई के 24,387 करोड़ रुपये की तुलना मे अगस्त में संग्रह 3.3 प्रतिशत कम हुआ है। दरअसल अगस्त महीने में इस मद में कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में सबसे कम रहा है, सिर्फ अप्रैल में ही उत्पाद शुल्क 960 करोड़ रुपये था।

जुलाई में उत्पाद शुल्क संग्रह में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में हुई 1.9 प्रतिशत की वृद्धि टिक नहीं सकी। मई और जून में भी इस मद में कर संग्रह में कमी आई थी। इसके परिणामस्वरूप चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीने में कुल कर संग्रह 12 प्रतिशत घटकर 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.1 लाख करोड़ रुपये था।

अगर यही धारणा जारी रहती है तो उत्पाद शुल्क संग्रह के बजट अनुमान के लक्ष्य को हासिल कर पाना कठिन होगा। बजट में 5.92 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2023-24 में 3.4 लाख करोड़ रुपये उत्पाद शुल्क संग्रह का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले साल 2022-23 के संशोधित अनुमान में 3.2 लाख करोड़ रुपये था। वास्तविक कर संग्रह संशोधित अनुमान से थोड़ा कम 3.19 लाख करोड़ रुपये रहा था।

पहले 5 महीने में उत्पाद शुल्क से कुल प्राप्तियां 2023-24 के बजट अनुमान का महज 29.4 प्रतिशत है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क मुख्य रूप से पेट्रोलियम और तंबाकू से आता है। विशेषज्ञ चकित हैं कि अगस्त में उत्पाद शुल्क से कम आमदनी हवाई है, जबकि दो मुख्य पेट्रोलियम वस्तुओं डीजल व पेट्रोल के उत्पादन में सालाना आधार पर वृद्धि हुई है।

अगस्त में पेट्रोल का उत्पादन 13.7 प्रतिशत बढ़कर 37 लाख टन हो गया है, जबकि डीजल का उत्पादन पिछले साल अगस्त की तुलना में 7.2 प्रतिशत बढ़कर 94 लाख टन हो गया है। उत्पाद शुल्क में आखिरी कटौती मई 2022 में की गई थी, इसलिए इसका असर भी नहीं है।

उत्पाद शुल्क को अगर छोड़ दें तो कुल कर संग्रह दोगुने से ज्यादा बढ़कर अगस्त में 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो एक साल पहले 1.22 लाख करोड़ रुपये था। कॉर्पोरेशन और व्यक्तिगत आयकर में भारी बढ़ोतरी के कारण ऐसा हो सका है। कॉर्पोरेट कर में 467 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और यह अगस्त में 62,817 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल के समान महीने में 11,159 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में कॉर्पोरेशन कर में कमी आई थी, लेकिन चौथे व पांचवें महीने में इसमें बढ़ोतरी हुई है।

व्यक्तिगत आयकर में 333 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जो अगस्त में 1 लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा रहा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 23,813 करोड़ रुपये था। उत्पाद शुल्क छोड़कर कुल कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों के दौरान 20.16 प्रतिशत बढ़कर 10.9 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 9.1 लाख करोड़ रुपये था।

First Published - October 2, 2023 | 9:33 PM IST

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