जोमैटो का शेयर पहले दिन 66 फीसदी चढ़ा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:28 AM IST

पूंजी बाजार से धन जुटाने वाली पहली इंटरनेट यूनिकॉर्न जोमैटो के शेयर का बाजार में आज आगाज बहुत शानदार रहा और निवेशकों की जोश भरी लिवाली के बीच कंपनी का शेयर पहले दिन ही 66 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। शेयर एक समय 83 फीसदी चढ़कर 139 रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में थोड़ी बढ़त गंवाकर अपनी 76 रुपये के अपने निर्गम मूल्य के मुकाबले 66 फीसदी यानी 50 रुपये ऊपर बंद हुआ। कारोबार के अंत में शेयर की कीमत के हिसाब से जोमैटो का मूल्य 98,732 करोड़ रुपये (13.3 अरब डॉलर) हो गया। इस तरह यह देश की 48वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है।
भोजन पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो का 9,375 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) भी बेहद सफल रहा था। इस आईपीओ के लिए  2.1 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आई थीं। बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि आईपीओ में मनचाही संख्या में शेयर नहीं पा सके कई बड़े संस्थागत निवेशकों ने द्वितीयक बाजार से शेयर खरीदा।
निवेशकों को कंपनी के मूल्यांकन से कोई चिंता नहीं हुई। अब जोमैटो भारत में सबसे महंगी उपभोक्ता एवं खाद्य कंपनी है, जिसका मूल्य वित्त वर्ष 2021 की उसकी शुद्ध बिक्री 1,994 करोड़ रुपये से 50 गुना है। भारत में डॉमिनोज पिज्जा शृंखला चलाने वाली जुबिलैंट फूडवक्र्स का मूल्य वित्त वर्ष 2021 की उसकी शुद्ध बिक्री का केवल 14.2 गुना है। एफएमसीजी क्षेत्र की अगुआ हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्य उसकी वित्त वर्ष 2021 की बिक्री का 12 गुना, नेस्ले इंडिया का मूल्य कैलेंडर वर्ष 2020 के राजस्व का 13.1 गुना है। शीर्ष 10 खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनियों का मूल्य उनकी हालिया सालाना बिक्री का औसतन 8.8 गुना है।
जोमैटो का मू्ल्य वैश्विक फूड डिलिवरी कंपनियों जैसे चीन की मेइतुआन (मूल्य कैलेंडर वर्ष 2020 के राजस्व का 13 गुना), अमेरिका की डोरडैश (21 गुना) और ब्रिटेन की डेलिवरू (5 गुुना) से भी काफी बेहतर है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अधिक मूल्य की वजह यह है कि इसमें स्थापित खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में तेजी से बढऩे की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि इसके अधिक मूल्य की वजह इसमें स्थापित खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में तेजी से बढऩे की संभावना है। कंपनी की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2020 के बीच करीब 33 गुना बढ़ी है। इसकी शुद्ध बिक्री 101 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि वृद्धि दर  से बढ़ी है। यह वित्त वर्ष 2015 में 79 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2020 में 2,560.4 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि जोमैटो की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2021 में 23.5 फीसदी घटकर 1,994 करोड़ रुपये रही। यह घाटा उठा रही कंपनी बनी हुई है और इसे पिछले वित्त वर्ष में 813 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।

First Published : July 23, 2021 | 11:46 PM IST