ई-कॉमर्स कंपनी जोमैटो ने अमेरिका में सूचीबद्ध होने के आकर्षण को छोड़ घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने का फैसला लिया है। अमेरिका को सिलिकन वैली जैसी तकनीकी कंपनियों के लिए सूचीबद्धता की सबसे पसंदीदा जगह माना जाता है।
बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि इस फूड डिलिवरी कंपनी की 8,250 करोड रुपये की पहली पेशकश को मिलने वाली प्रतिक्रिया से सूचीबद्धता के इंतजार में बैठीं अन्य तकनीकी एवं स्टार्टअप कंपनियों को भी संकेत मिलेगा। जोमैटो चीन के एंट ग्रुप द्वारा समर्थित है। कंपनी ने 7,500 करोड़ रुपये की ताजा पूंजी जुटाने के लिए इस सप्ताह बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ऑफर दस्तावेज जमा कराया है। यह धनराशि किसी घरेलू आईपीओ द्वारा जुटाई गई तीसरी सबसे बड़ी धनराशि होगी। कंपनी का आईपीओ भारत में किसी ई-कॉमर्स कंपनी का पहला बड़ा आईपीओ है। यह आईपीओ वर्ष की तीसरी तिमाही में आने के आसार हैं।
जोमैटो का घाटा हर साल बढ़ रहा है। यह वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2020 के बीच 107 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,386 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। हालांकि इतनी बड़ी मात्रा में नकदी खर्च करने से कंपनी को अपना राजस्व पांच गुना यानी 466 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,605 करोड़ रुपये करने में मदद मिली है।
इस आईपीओ से इस बात की भी परीक्षा होगी कि क्या घरेलू निवेशकों में घाटे में चल रही किसी तकनीकी कंपनी में निवेश करने का धैर्य और परिपक्वता है। पूंजी बाजार के एक पेशेवर प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘अमेरिकी बाजार घाटे में चल रहीं कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं। इस वजह से बहुत सी वैश्विक कंपनियां वहां सूचीबद्ध होने का तरजीह देती हैं। आम तौर पर भारतीय निवेशक उस तरह का मूल्य नहीं चुकाते हैं, जिस तरह का निजी इक्विटी निवेशक या अमेरिकी बाजार चुकाते हैं।’ जोमैटो के आईपीओ को संभालने वाले निवेश बैंकरों का कहना है कि शुरुआती निवेशकों की प्रारंभिक प्रतिक्रिया उत्साहजनक है और कंपनी के शेयर तेजी से बिकेंगे।
एक बैंकर ने नाम प्रकाशित नहीं करने का आग्रह करत हुए कहा, ‘इसमें शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। यह आईपीओ घरेलू यूनिकॉर्न और स्टार्टअप के लिए बड़ा बाजार खोलेगा।’ एक अन्य बैंकर ने कहा कि जोमैटो ने अमेरिका में सूचीबद्घता के विकल्प पर भी विचार किया था, लेकिन घरेलू बाजार में सूचीबद्ध होने के फायदे विदेश में सूचीबद्ध होने की तुलना में बहुत अधिक हैं।
उन्होंने कहा, ‘अगर आप डोरडैश और ग्रबहब (दोनों न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध) के निवेशकों को देखेंगे तो पाएंगे कि ये वही हैं, जो हमारे घरेलू बाजारों में भी निवेश करते हैं। इसलिए अमेरिका में सूचीबद्ध होने का यह मतलब नहीं है कि आपको यहां से ज्यादा निवेशक मिल रहे हैं। इसके विपरीत आपको म्युचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और खुदरा निवेशकों के रूप में अतिरिक्त निवेशक मिल रहे हैं। सबसे अहम चीज यह है कि घरेलू बाजार में सूचीबद्धता से ब्रांड को तगड़ी मजबूती मिलती है और काफी उत्साह पैदा होता है।’