भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अमेरिकी को-वर्किंग स्पेस फर्म वीवर्क (WeWork) की अपनी भारतीय यूनिट में 27.5 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने की मंजूरी दे दी है। WeWork अपनी भारतीय यूनिट में पूरी हिस्सेदारी रियल ट्रस्टी एडवाइजरी कंपनी (Real Trustee Advisory Company) को बेचेगी।
CCI ने सौदे की कीमत या रियल ट्रस्टी के जरिये WeWork India में निवेश करने वाली संस्थाओं के नाम नहीं बताए। माना जा रहा है कि बाद में विस्तृत आदेश जारी होगा। WeWork India ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
इस सौदे में दो चरणों की प्रक्रिया शामिल होगी जिसमें WeWork Inc और WeWork India की पैरेंट कंपनी, एंबेसी ग्रुप (Embassy group), लोकल को-वर्किंग यूनिट में लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे। शेयरों को बेचने के बाद WeWork भारतीय बाजार से बाहर हो जाएगी।
एंबेसी ग्रुप की WeWork India में 72.5 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सेदारी WeWork की इंगलैंड की सब्सिडियरी कंपनी, वन एरियल वे लिमिटेड (1 Ariel Way Limited) के पास है।
एक निश्चित सीमा से अधिक के सौदों को CCI की मंजूरी की जरूरत होती है, जो अनुचित बिजनेस प्रैक्टिस पर नजर रखता है और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
WeWork India फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस और कंपनियों के लिए डिजिटल रियल एस्टेट वर्कस्पेस सॉल्यूशंस प्रदान करता है। इसका बिजनेस अमेरिका में संघर्ष के दौर से गुजर रहा है जबकि, भारत में यह काफी सफल रहा है। 2022-23 में इसका टर्नओवर 1,400 करोड़ रुपये था।
WeWork India ने 2017 में संचालन शुरू किया था। उसके पास नई दिल्ली, बेंगलूरु, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा, पुणे और हैदराबाद में 54 स्थानों पर 80 लाख वर्ग फीट से अधिक की संपत्ति है।
जून 2021 में, WeWork Global ने WeWork India में 27 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। इस निवेश ने भारतीय व्यवसाय और ऑफिस मार्केट को महामारी के दौरान वित्तीय कठिनाइयों से उबरने में मदद की।