बीएस बातचीत
एचसीएल टेक्नोलॉजिज ने वार्षिक राजस्व अनुमान जाहिर करने की शुरुआत कर दी है क्योंकि प्रबंधन को चालू तिमाही में वृद्धि के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। कंपनी के सीईओ सी विजयकुमार ने साई ईश्वर से बातचीत में लागत को युक्तिसंगत बनाने संबंधी कंपनी योजनाओं, एच1बी वीजा प्रभाव एवं विलय-अधिग्रहण योजनाओं पर विस्तृत बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
आपने कहा है कि कोविड-19 के अलावा कुछ राजस्व प्रभाव पिछले चालू बड़े सौदों के विदेशी में हस्तांतरित किए जाने से भी दिखा है। ऐसा कैसे हुआ?
आपको याद होगा कि पिछले वित्त वर्ष में हमारी वृद्धि काफी अच्छी रही थी। खुद के बल पर राजस्व में करीब 11 फीसदी और कुल मिलाकर 16 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इसमें कुछ बड़े सौदों का योगदान रहा है। आमतौर पर पहले वर्ष में काफी काम देश में ही किए जाते हैं और दूसरे साल से धीरे-धीरे काम को विदेश में स्थानांतरित किया जाता है। इसलिए अप्रैल में जिन सौदों का दूसरा साल शुरू हुआ था उनके काम को विदेश स्थानांतरित किया गया। बड़े सौदे के काम को स्थानांतरित किए जाने पर राजस्व में कुछ गिरावट आती है और यह एक सामान्य कारोबारी चलन है।
आपने आउटसोर्सिंग एवं अन्य लागत में उल्लेखनीय कमी की है। लागत को युक्तिसंगत बनाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
हम कुछ कार्य छोटी कंपनियों को आउटसोर्स करते हैं। इस प्रकार के काम में कमी आई है जिसकी झलक लागत पर भी दिख रही है। उपठेकेदारों पर निर्भरता भी घटी है। वीजा लागत और यात्रा लागत भी अधिक नहीं रही। इसके अलावा विभिन्न आयोजनों के लिए आवंटित विपणन खर्च में भी बचत हुई है क्योंकि वे सभी कार्यक्रम डिजिटल हो गए।
विलय एवं अधिग्रहण के मोर्चे पर कंपनी की मौजूदा रणनीति क्या है?
हम हमेशा से सही अवसरों पर नजर रखते हैं। फिलहाल विलय-अधिग्रहाण की हमारी कोई बड़ी योजना नहीं है।
क्या आपको लगता है कि कोविड-19 का डर अब पूरी तरह खत्म हो चुका है?
हमारा मानना है कि कोविड-19 का बुरा दौर अब लद चुका है। हमें चालू तिमाही (दूसरी तिमाही) में वृद्धि अनुमान पटरी पर लौटता दिख रहा है। इसलिए हमने भी वित्त वर्ष 2021 के लिए 1.5 फीसदी से 2.5 फीसदी का राजस्व वृद्धि अनुमान जाहिर किया है।