फॉक्सवैगन ने भारत में बिक्री की सड़क पर भरा फर्राटा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:45 AM IST

यूरोप की दिग्गज कार कंपनी फॉक्सवैगन ने भारत में इस साल के शुरुआती छह महीनों में लगभग 10,650 यात्री कारों की बिक्री की है।


कंपनी को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह आंकड़ा 20,000 तक पहुंच जाएगा। फॉक्सवैगन के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य जोकेम हीजमान ने कहा, ‘इन आंकड़ों के  अनुसार भारत में हमारी विकास दर 69 फीसदी है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में भारतीय ऑटो उद्योग में हमारी हिस्सेदारी लगभग 10 फीसदी हो जाएगी।’

क्षमता में इजाफा

हीजमान भारत में कंपनी के पुणे स्थित चाकन संयंत्र में कर्मचारियों से रुबरु  हो रहे थे। इस संयंत्र में साल 2009 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इस संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 1.1 लाख यात्री कार का निर्माण करने की है।

कंपनी ने भारत में अभी तक लगभग 3,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी ने यह निवेश चाकन संयंत्र की स्थापना और डीलर नेटवर्क का विस्तार करने के लिए किया है। कंपनी के पास देश भर के लगभग 15 दिग्गज डीलर हैं। कंपनी की योजना साल 2010 तक इस संख्या को 100 से भी ज्यादा करने की है। कंपनी की योजना हाल फिलहाल घरेलू बाजार पर ही ध्यान देने की है। अभी कंपनी निर्यात पर ध्यान नहीं दे रही है।

स्थानीय पर जोर

इस्पात की लागत में तेजी से हो रही बढ़ोतरी और बाकी की लागत कम करने के लिए कंपनी कारों के निर्माण के लिए स्थानीय पुर्जों का इस्तेमाल करने की नीति भी बना रही है। शुरुआत में कंपनी भारत में कार निर्माण के लिए लगभग 50 फीसदी स्थानीय पुर्जों का इस्तेमाल करेगी। हीजमान ने बताया , ‘ऐसे में हमारा डीलर नेटवर्क बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।’

ऑटो दिग्गज के भारतीय ऑटो बाजार में पिछले सितंबर में लॉन्च हुई पसैट, हाल ही में भारत में लॉन्च की गई जेटा, चाकन संयंत्र में ही निर्मित होने वाली पोलो, प्रीमियम श्रेणी की फैटन, स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल टौरेग समेत लगभग 8 मॉडल हैं। हीजमान ने कंपनी के पसंदीदा मॉडल बीटल को भारत में लॉन्च करने और दिल्ली ऑटो एक्सपो में पेश की गई की कॉनसेप्ट कार को लॉन्च करने की निश्चित समय सीमा बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम इन परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं लेकिन अभी कुछ कहना मुमकिन नहीं है।’

उतरेंगे नए मॉडल

फॉक्सवैगन इंडिया दो व्यावसायिक वाहनों को भी बाजार में उतारने की योजना बना रही है। कंपनी ‘बिजनेस बस’ नाम से 7-9 लोगों के बैठने के लिए इंटरनेट, टीवी, टेलीफोन और फैक्स की सुविधा से लैस बस का निर्माण कर रही है। कंपनी यह बस कॉर्पोरेट जगत के अधिकारियों के लिए बना रही है।

देश भर में बेहतर राजमार्ग बनने के बाद और देश में कारों के नए मॉडलों के लॉन्च होने के साथ ही भारत में कारों की बिक्री 17 लाख इकाइयों से बढ़कर लगभग 31 लाख इकाई होने की संभावना है। विश्लेषकों के मुताबिक साल 2010 तक वैश्विक ऑटो बाजार भी 706 लाख इकाइयों से बढ़कर 790 इकाई होने के  अनुमान लगाए जा रहे हैं। साल 2007-10 तक इस संख्या में लगभग 84 लाख कारों का इजाफा होगा। इस आंकड़े में से एशिया-प्रशांत क्षेत्र से लगभग 62 लाख और लैटिन अमेरिकी क्षेत्र से लगभग 8 लाख कारों की बिक्री होने की उम्मीद लगाई जा रही है।

कंपनी को उम्मीद है कि पोलो और स्कोडा फैबिया भारत में कंपनी की बिक्री में इजाफा कराने में सफल रहेंगे। इसके साथ ही कंपनी की काँसेप्ट कार बाजार में आते ही कम आय वाले वर्ग के लिए होगी। इस कार को कंपनी टाटा मोटर्स की नैनो के जवाब में बाजार में उतारेगी।

First Published : July 8, 2008 | 4:31 AM IST