वोडाफोन आइडिया (वी) ने स्पेक्ट्रम बकाये पर चार साल का मॉरेटोरियम लेने का फैसला किया है, जिससे मुश्किल दौर से गुजर रही इस दूरसंचार कंपनी को जीवनदान मिल सकता है। इसकी बदौलत कंपनी नई सेवाओं और तकनीक में निवेश कर पाएगी।
सरकार ने हाल में दूरसंचार क्षेत्र के लिए बड़े सुधारों की घोषणा की थी। इसी कड़ी में सरकार ने पिछले सप्ताह भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और जियो समेत दूरसंचार कंपनियों को पत्र लिखकर उनसे कहा था कि वे 29 अक्टूबर तक बताएं कि वे बकाये पर चार साल के मॉरेटोरियम लेना चाहती हैं या नहीं।
इसने यह बताने के लिए ऑपरेटरों को 90 दिन का समय दिया है कि क्या वे मॉरेटोरियम अवधि की ब्याज राशि को इक्विटी में बदलने का विकल्प भी अपनाना चाहती हैं। दूरसंचार कंपनियों को भेजे गए पत्र के मुताबिक इस विकल्प के साथ ठीक पहले के वित्त वर्ष (2020-21) के ऑडिट किए गए वित्तीय ब्योरे भी जमा कराने होंगे। सरकार ने कंपनियों को कर्ज को इक्विटी में बदलने, शेयरों की कीमत तय करने के लिए तिथि और कीमत फॉर्मूला आदि के तरीकों के बारे में भी सूचित किया है। हालांकि वी ने स्पेक्ट्रम बकाये पर मॉरेटोरियम लेने का फैसला कर लिया है, लेकिन इसने अभी समायोजित सकल राजस्व बकाये पर कोई फैसला नहीं लिया है। कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने दूरसंचार विभाग द्वारा कंपनी के लिए 14 अक्टूबर 2021 को जारी अधिसूचना के मुताबिक कंपनी की स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों को चार साल तक स्थगित करने के विकल्प को मंजूरी दे दी है।