देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड ने कहा कि उसने मार्च 2009 तक चुकाए जाने वाले 2,500 करोड़ रुपये के ऋण का तीन चौथाई हिस्सा चुका दिया है, जबकि कुछ ऋण चुकाने के लिए समय-सीमा में फेर-बदल करा लिया है।
यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा ने विशेष आम बैठक के बाद कहा कि कंपनी को मार्च 2009 तक अदा किए जाने वाले 2,500 करोड़ रुपये में से 20-25 फीसदी का भुगतान करना है। यह बैठक शेयरों के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बुलाई गई थी।
कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बीएसई को सूचित किया है कि उसके शेयरधारकों की विशेष आम बैठक हुई, जिसमें प्रतिभूतियां जारी करते हुए 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
यूनिटेक के निदेशक मंडल ने धन जुटाने के प्रस्ताव को 22 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी। ऋण संकट का सामना कर रही यह कंपनी अपने कुछ होटल एवं अन्य वाणिज्यिक संपत्तियों को बेचने के लिए संभावित खरीदारों से बातचीत कर रही है।
शेयरधारकों ने कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी को मौजूदा 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करने को भी मंजूरी दे दी है। चंद्रा ने कहा कि यूनिटेक शेष 500-500 करोड़ रुपये का भुगतान परिसंपत्ति की बिक्री और नियमित नकदी प्रवाह के जरिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस साल कंपनी को बहुत अधिक मात्रा में भुगतान नहीं करना है, इसलिए किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। कंपनी ने म्युचुअल फंड कंपनियों के बकाए का भुगतान कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी को सोमवार को 7-8 म्युचुअल फंडों को 900 करोड़ रुपये अदा करने थे।
वित्तीय संकट से जूझ रही यूनिटेक पर 2008-09 की दूसरी तिमाही तक करीब 8,000 करोड़ रुपये का ऋण था, जिसमें इस साल 2,500 करोड़ रुपये का ऋण चाूल वित्त वर्ष में अदा किया जाना था।
चंद्रा ने कहा कि कंपनी अगले दो महीनों में 2,500 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण को दीर्घकालिक ऋण में बदलेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी उधारी प्रोफाइल अल्पकालिक से बदलकर दीर्घकालिक कर रही है, इसलिए अब म्युचुअल फंड से बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर रुख किया जा रहा है।
कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी
यूनिटेक ने 2,500 करोड़ रुपये का तीन-चौथाई कर्ज चुकाया
म्युचुअल फंडों के बकाए का किया भुगतान
कर्ज प्रारूप में बदलाव की योजना