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मारुति सुजूकी, ह्युंडै का रेल्वे से 1400 करोड़ का ये धंधा समझें

मारुति सुजूकी के अलावा ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एपीएल वास्कोर, अदाणी एनवाईके, और जोशी कोनाइक ट्रांसपोर्ट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के पास भी एएफटीओ लाइसेंस है।

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शाइन जेकब   
ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- January 05, 2025 | 11:24 PM IST

भारतीय रेलवे ने वाहनों की ढुलाई में वृद्धि दर्ज की है। रेलवे के जरिये वाहनों की ढुलाई साल 2014 में महज 1.5 फीसदी थी, जो बढ़कर अब 20 फीसदी से अधिक हो गई है। भारतीय रेल के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर अवधि के दौरान वाहनों की ढुलाई के लिए रेलवे द्वारा उपयोग किए जाने वाले रेक की संख्या 9 फीसदी बढ़ गई है, जिससे माल ढुलाई राजस्व भी 5 फीसदी बढ़कर 973 करोड़ रुपये हो गया है।

वित्त वर्ष खत्म होने में अभी तीन महीने शेष हैं और मारुति सुजूकी, ह्युंडै मोटर इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जिससे वित्त वर्ष खत्म होने तक वाहनों की ढुलाई के जरिये अर्जित होने वाला राजस्व 1,400 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो बीते वित्त वर्ष 2024 के 1,250 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है। अगर हम यात्री कार बाजार की दिग्गज मारुति सुजूकी की बात करें तो कंपनी ने बीते कैलेंडर वर्ष (2024) में 20 लाख से अधिक गाड़ियों का उत्पादन किया था और रेलवे के जरिये 4,96,600 वाहनों की ढुलाई कराई। यह आंकड़ा कैलेंडर वर्ष 2023 के 4,22,300 गाड़ियों के मुकाबले 18 फीसदी अधिक है।

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इसी तरह, ह्युंडै ने भी बीते साल करीब 1,56,724 गाड़ियों की ढुलाई रेलवे के जरिये ही की, जो साल 2023 के 1,50,000 गाड़ियों से अधिक है। यह कैलेंडर वर्ष 2024 में कंपनी की कुल घरेलू थोक मात्रा का 26 फीसदी हिस्सेदारी है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर अवधि के दौरान वाहनों की ढुलाई के लिए रेलवे द्वारा मुहैया कराए गए रेक की संख्या 5,651 थी, जबकि वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि में 5,198 थी। इसके नतीजतन, रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली आमदनी भी बढ़ी है। इससे वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल से दिसंबर में राजस्व 973 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 928 करोड़ रुपये था। अब लगभग सभी यात्री और वाणिज्यिक वाहन कंपनियां ढुलाई के लिए रेलवे पर निर्भर हैं। रेलवे के जरिये अपने वाहनों एक जगह से दूसरे जगह भेजने वाली कंपनियों में टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा काबी नाम शामिल है।

उल्लेखनीय है कि साल 2013 में ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस पाने वाली पहली वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी थी। खबरों के मुताबिक, मारुति सुजूकी के अलावा ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एपीएल वास्कोर, अदाणी एनवाईके, और जोशी कोनाइक ट्रांसपोर्ट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के पास भी एएफटीओ लाइसेंस है।

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First Published : January 5, 2025 | 10:23 PM IST