facebookmetapixel
AI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ाक्या सच में AI से जाएंगी नौकरियां? सरकार का दावा: जितनी नौकरी जाएगी, उससे ज्यादा आएगीइच्छामृत्यु याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: 13 जनवरी को अभिभावकों से बातचीत करेगा न्यायालयमनरेगा की विदाई, ‘वीबी जी राम जी’ की एंट्री: लोकसभा में नया ग्रामीण रोजगार कानून पासप्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में बिना PSU ईंधन पर रोक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सख्त जांच शुरूभारत-ओमान के बीच समुद्री सहयोग मजबूत, सुरक्षा और व्यापार को लेकर साझा विजन पर सहमतिभारत-ओमान CEPA पर हस्ताक्षर: खाड़ी में भारत की रणनीतिक पकड़ और व्यापार को नई रफ्तार

चंद्रा के नेतृत्व में टाटा कंपनियों का प्रदर्शन रहा दमदार

Last Updated- December 11, 2022 | 10:11 PM IST

टाटा समूह की सूचीबद्घ कंपनियों ने एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में पिछले पांच साल के दौरान शेयर बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। टाटा कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण 21 फरवरी, 2017 (जब चंद्रा ने टाटा समूह की कमान संभाली थी) से करीब 188 फीसदी बढ़ चुका है जबकि बीएसई बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स इस दौरान 110 फीसदी बढ़ा है।
समूह के कुल बाजार पूंजीकरण में सबसे ज्यादा योगदान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का रहा है, वहीं टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र), टाटा एलेक्सी, टाइटन कंपनी और टाटा कंज्यूमर का भी इस दौरान प्रदर्शन अच्छा रहा। कुल मिलाकर टाटा की 18 सूचीबद्घ फर्मों में से 12 ने शेयर बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। 2017 में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से टाटा समूह की चौथी बड़ी कंपनी टाइटन अब 2.35 लाख करोड़ रुपये के पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। पांच साल के दौरान इसके बाजार पूंजीकरण में करीब 40,000 करोड़ रुपये से इजाफा हुआ है। पिछले 18 महीनों में बाजार पूंजीकरण में खासा इजाफा होने के बावजूद टाटा मोटर्स, टाटा कम्युनिकेशन और इंडियन होटल्स इसमें पीछे रह गईं। समूह का एकीकृत बाजार पूंजीकरण मंगलवार को 24.35 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 21 फरवरी, 2017 को 8.46 लाख करोड़ रुपये था। इस विश्लेषण में समूह की अन्य सूचीबद्घ सहायक इकाइयों को शामिल नहीं किया गया है जिनमें टाटा मेटालिक्स, टाटा लॉन्ग, टाटा बीएसएल स्टील, नेल्को, रैलिस इंडिया आदि शामिल हैं।
समूह के कुल बाजार पूंजीकरण में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की हिस्सेदारी दोगुने से भी अधिक है और 2017 से अब तक उसका बाजार पूंजीकरण 4.86 लाख करोड़ रुपये से तिगुना बढ़कर 14.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। समूह की अन्य कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण इस दौरान 174 फीसदी बढ़कर 3.6 लाख करोड़ रुपये से 9.87 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से समूह का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। टाटा स्टील (350 फीसदी), टाटा मोटर्स (662 फीसदी), टाटा पावर (738 फीसदी) और टाटा कम्युनिकेशन (534 फीसदी) की अगुआई में मार्च 2020 से अब तक समूह का बाजार पूंजीकरण 164.4 फीसदी बढ़ा है जबकि इस दौरान सेंसेक्स में 105 फीसदी की तेजी आई है।
इस दौरान समूह का मुनाफा भी बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आधार पर टाटा की सूचीबद्घ कंपनियों का समेकित मुनाफा 59,569 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले 12 महीने के शुद्घ मुनाफे 32,622 करोड़ रुपये से 82.6 फीसदी अधिक है। समूह के मुनाफे में इजाफा मुख्य रूप से टाटा स्टील और टीसीएस की वजह से हुआ है जबकि इस दौरान टाटा मोटर्स घाटे में रही। टाटा स्टील मार्च 2017 में 4,207 करोड़ रुपये के घाटे में थी जबकि सितंबर 2021 तिमाही में उसने 31,166 करोड़ रुपये का शुद्घ मुनाफा दर्ज किया।  इसी दौरान टीसीएस का शुद्घ मुनाफा 26,291 करोड़ रुपये से बढ़कर 36,579 करोड़ रुपये हो गया। टाटा मोटर्स 7,498 करोड़ रुपये मुनाफे में थी जबकि वह 13,591 करोड़ रुपये के घाटे में आ गई। सितंबर 2021 में पिछले 12 महीनों के दौरान समूह के एकीकृत मुनाफे में इस कंपनियों का योगदान 91 फीसदी रहा।
विलय और अधिग्रहण पर ध्यान
एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा समूह के विकास की रणनीति में विलय और अधिग्रहण का अहम स्थान रहा। सबसे पहले चंद्रा पर घाटे में चल रही टाटा टेली से छुटकारा पाना था। समायोजित सकल राजस्व बकाया और बैंक कर्ज चुकाने में कंपनी को करीब 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। टाटा ने मोबाइल फोन कारोबार को भारती एयरटेल को बेच दिया जबकि कर्ज और अन्य देनदारियां कंपनी के पास बनी रही। मंगलवार को टाटा टेली की सूचीबद्घ इकाई टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र ने स्पेक्ट्रम और एजीआर बकाये के मॉरेटोरियम अवधि के ब्याज को इक्विटी में बदलने का निर्णय लिया। इसके तहत सरकार को 9.5 फीसदी हिस्सा मिलेगा। टाटा स्टील ने मई 2018 में  भूषण स्टील का अधिग्रहण किया।

First Published - January 12, 2022 | 11:13 PM IST

संबंधित पोस्ट