पर्यटन उद्योग टाल रहा है विस्तार परियोजनाएं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:02 AM IST

भारतीय बाजार में छाई मंदी से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए पर्यटन उद्योग ने अपने विस्तार की योजनाओं को फिलहाल टाल दिया है।


भारत के चार सितारा और पांच सितारा होटल अपने कमरों का किराया घटाने की योजना बना रहे हैं। हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र से सबसे ज्यादा कमाई करने वाले पर्यटन उद्योग ने भी अपनी निवेश परियोजनाओं को टालने का फैसला किया है।

एचवीएस हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक सिद्धार्थ ठाकर ने कहा, ‘अगले साल में उद्योग अपनी सेवाओं की कीमतों में कमी कर सकता है। अक्तूबर से शुरू होने वाले बुकिंग सीजन में कम कीमतों पर ही बुकिंग की जाएगी। इस कारण साल 2009 में कंपनियों के  राजस्व पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।’

पांच सितारा और चार सितारा होटलों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि अब से उन्हें कम किराये पर कमरे मिलेंगे और इसके साथ ही और भी कई सुविधाएं मिलेंगी।  इन सुविधाओं में कंपनी ग्राहकों को एयरपोर्ट तक मुफ्त में ड्रॉप और मुफ्त ब्रेकफास्ट जैसी सुविधाएं दे रही है। पहले कंपनियां ग्राहकों को ये सुविधाएं नहीं देती थी।

मुंबई के एक पांच सितारा होटल ने अपने किराये में कटौती भी कर दी है और ग्राहकों को फ्री एयरपोर्ट ड्रॉप और मुफ्त ब्रेकफास्ट जैसी सुविधाएं दे रहा है। बेंगलुरु के कुछ होटलों ने बढ़ती महंगाई के कारण अपने ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती की है। बेंगलुरु में बनने वाले कई होटलों का निर्माण कार्य अभी रोक दिया गया है। होटलों ने जानकारी दी कि हो सकता है महंगाई के कारण लोग होटलों में कम आएं और हमारे ज्यादा कमरे खाली रहें। लेकिन इस वजह से हम कीमतों में ज्यादा कटौती नहीं क र सकते हैं।

मुंबई के एक पांच सितारा होटल के  अधिकारी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि महंगाई दर दहाई का आंकड़ा पार कर चुकी है। इसीलिए हमें कीमतों में कटौती जैसे कुछ कदम उठाने पड़ेंगे। लेकिन किसी भी हालत में हम अपनी सेवाओं में कटौती नहीं करेंगे। हम अपनी विश्वसनीयता और ब्रांड का नाम खराब नहीं करना चाहते हैं।’ विश्लेषकों के अनुसार महानगरों के होटलों में कमरों की बुकिंग दर 75 से 80 फीसदी ही है। मानसून के महीनों में पर्यटकों की आवाजाही वैसे भी कम ही रहती है। इस कारण कमरों की बुकिंग दर घटकर 70 फीसदी हो सकती है।

अगर आने वाले दो महीनों में कारोबार में ज्यादा कमी आती है तो हास्पिटैलिटी क्षेत्र के स्टॉक्स की कीमत काफी नीचे जा सकती है। पर्यटन उद्योग पर भी इस महंगाई का असर साफ देखने को मिल रहा है। इन कंपनियों की बुंकिंग में भी काफी गिरावट आई है। मुंबई स्थित श्रीराज ट्रैवल्स ने बताया कि जनवरी-मई 2008 के दौरान अंतरराष्ट्रीय बुकिंग्स में लगभग 36 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि कंपनी ने पिछले साल इसी दौरान के बुकिंग आंकड़े देने से मना कर दिया।

महंगाई से निपटने के लिए कंपनी ने अपने विज्ञापन, नियुक्ति और अपने कार्यकारियों के अंतरराष्ट्रीय यातायात के खर्चे में कटौती करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने अपने विस्तार की परियोजनाओं को भी फिलहाल के लिए टाल दिया है। श्री राज ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक ललिथ सेठी ने कहा, ‘हम हर महीने दो नई शाखाएं खोलते हैं और एक शाखा पर लगभग 25 लाख का खर्च आता है। लेकिन हाल फिलहाल के लिए हमने अपनी योजनाओं को टाल दिया है।’

उद्योग के सूत्रों के अनुसार ट्रैवल उद्योग, कॉर्पोरेट और बैंकों ने भी अपने कार्यकारियों के यातायात खर्च में कटौती करने का फैसला लिया है। मुंबई की ट्रैवल कंपनी के प्रमुख ने कहा, ‘अब कंपनियां डीलक्स कमरों के बजाय सूइट की बुकिंग करा रही हैं। कंपनियां सबसे सस्ते किराये वाली विमानन कंपनियों को तवज्जो दे रही हैं। इसके अलावा कंपनियां अपने कार्यकारियों के लिए प्रथम श्रेणी के टिकट बुक कराने के बजाय कारोबारी श्रेणी और कारोबारी श्रेणी से घटकर इकोनॉमी क्लास के टिकट बुक करा रहे हैं।’

थॉमस कुक के अनुसार इस उद्योग पर महंगाई का असर अगले दो महीनों में ज्यादा साफ तौर पर दिखाई देगा। थॉमस कुक की यात्रा प्रमुख नलिनी गुप्ता ने कहा, ‘अभी ट्रैवल पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। लेकिन हमें देखना होगा कि आने वाले कुछ महीनों में इस पर महंगाई का क्या असर पड़ता है। वैसे गर्मियों का सीजन तो अच्छा ही बीता है।’

First Published : June 27, 2008 | 11:58 PM IST