देश में सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के कर्मचारियों की संख्या 5 लाख पार कर गई है। कर्मचारी जोडऩे की कंपनी की रफ्तार यहीं थमती नहीं दिख रही है। टीसीएस ने वित्त वर्ष 2022 में पिछले वित्त वर्ष से अधिक लोगों को नियुक्त करने की योजना तैयार की है।
टीसीएस ने वित्त वर्ष 2021 में भारत में 40,000 नए लोगों की नियुक्ति की थी और अमेरिका में करीब 2,000 लोगों को अपने साथ जोड़ा था। टीसीएस में मुख्य मानव संसाधन विकास अधिकारी (सीएचआरओ) मिलिंद लक्कड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘पिछले वर्ष भारत में हमने तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों से 40,000 नए लोगों की भर्ती की थी और इस वर्ष हम इतने या इससे भी अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगे। पिछले वित्त वर्ष अमेरिका में 2,000 लोगों को कंपनी ने अपने साथ जोड़ा था और इस वर्ष यह संख्या अधिक रह सकती है। लैटिन अमेरिका के देशों में भी लगभग यही स्थिति रहेगी।’
वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 5,09,058 हो गई थी। पहली तिमाही में टीसीएस ने कंपनी में 20,409 कर्मचारी भर्ती किए। लक्कड़ ने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कंपनी दुनिया के बड़े कारोबारी देशों में स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति पर
जोर दे रही है। इस वजह से कोविड-19 महामारी के असर के बावजूद कंपनी के कारोबार पर कोई असर नहीं हुआ है।
टीसीएस के मुख्य कार्याधिसकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों का होना सुखद लगता है। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जिनमें बड़ी तादाद में कर्मचारी काम करते हैं मगर टीसीएस या किसी आईटी सेवा कंपनी में प्रतिभाओं के जमावड़े का मुकाबला नहीं है।
गोपीनाथन ने कहा, ‘हम लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की क्षमता का किस तरह लाभ उठाएं। हम यह भी सोचते रहते हैं कि और क्या बेहतर कर सकते हैं। आम तौर पर किसी कर्मचारी के काम करने की अवधि 40 वर्षों की होती है और इस दौरान उन्हें 5-6 चरणों से गुजरना पड़ता है। उनकी प्रतिभाएं निखारने वाला और उनमें नई खूबियां विकसित करने वाला संस्थान उनके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बात है। किसी भी पेशेवर के लिए यह जरूरी है।’
कर्मचारियों की संख्या में और इजाफा करने के बारे में गोपनीनाथन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह प्रक्रिया आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘सेवा कारोबार का ढांचा कर्मचारियों से संजीदगी से जुड़ा होता है। इससे सेवा कारोबार को दूसरे संबंधित उत्पादों के कारोबार में भी आगे बढऩे में मदद करता है।’
गोपीनाथन ने कहा कि उनसे अक्सर पूछा जाता है कि टीसीएस बहुत बड़ा संगठन तो नहीं हो गया है लेकिन जिस तरह से कंपनी बदलाव करती रहती है उससे यह और तेजी से आगे बढ़ती रहती है। पहली तिमाही में टीसीएस से कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे की दर 8.6 प्रतिशत रही थी लेकिन कंपनी को नहीं लगता कि इससे उसके कारोबार पर कोई असर होगा। इसके उलट कंपनी दुनिया के दूसरे देशों में भी प्रतिभा विकास कार्यक्रम का दायरा बढ़ाना चाहती है।