निवेश का तरीका है रिलायंस के अधिग्रहण नीति का संकेत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:10 AM IST

ऑनलाइन फार्मेसी में बहुलांश हिस्सेदारी लेने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पिछले तीन साल में अधिग्रहण पर 3.1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुकी है। तीन साल में हुए 30 से ज्यादा ऐसे सौदों की प्रकृति व आकार अलग-अलग है। कुछ में रिलायंस ने अल्पांश हिस्सेदारी है और मौजूदा प्रबंधन को कंपनी का परिचालन करने दिया है। कुछ अन्य में उसने बहुलांश या पूरी हिस्सेदारी लेकर कंपनी का परिचालन अपने हाथ में ले लिया है। ऐसे में सौदे का आकार अलग-अलग है यानी 50 लाख डॉलर (जेनेसिस कलर्स) से लेकर 60.3 करोड़ डॉलर तक, जिसे हैथवे की बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने में लगाया गया। इसका तरीका बेहद स्पष्ट है। अधिग्रहण उन क्षेत्रों में किए गए जिसका जुड़ाव रिलायंस के अहम कारोबार मसलन दूरसंचार, इंटरनेट, रिटेल, डिजिटल, मीडिया, एजुकेशन, केमिकल्स और ऊर्जा आदि से था।
गोल्डमैन सैक्स की तरफ से किए गए विश्लेषण में कहा गया है कि 80 फीसदी निवेश तकनीक व मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र में किया गया, वहीं 13 फीसदी रिटेल में जबकि 6 फीसदी ऊर्जा में। इस निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा यानी करीब 1.7 अरब डॉलर दूरसंचार व इंटरनेट के क्षेत्र में झोंका गया। हैथवे, डेन और जीटीपीएल की खरीद पर संयुक्त रूप से 1 अरब डॉलर से ज्यादा लगाए गए। यह कदम लाखों घरों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ उठाया गया, जो फाइबर ब्रॉडबैंक सेवाओं के ग्राहक हो सकते हैं।
रिलायंस ने मीडिया व एजुकेशन क्षेत्र में भी बड़ा दांव लगाया है और वहां उसका निवेश 68.8 करोड़ डॉलर रहा है। इन सौदों में बालाजी टेलिफिल्मस की 25 फीसदी हिस्सेदारी, इरोज इंटरनैशनल की 5 फीसदी हिस्सेदारी और म्यूजिक ऐप सावन शामिल है। इन पर संयुक्त रूप से 50.7 करोड़ डॉलर लगाए गए। ये अधिग्रहण कंटेंट व ओटीटी प्लेटफॉम्र्स के साथ 40 करोड़ मोबाइल ग्राहकों तक पहुंचने के लिए किए गए।
हेल्थकेयर में रिलायंस का पहला निवेश नेटमेड्स नहीं है। उसने सी-स्क्वैयर की बहुलांश हिस्सेदारी 1.1 करोड़ डॉलर में खरीदी है। मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, रिलायंस ने खुदरा क्षेत्र में भी 40.4 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। उसने जेनेसिस कलर की हिस्सेदारी ली, जो इंटरनैशनल ब्रांड बेचती है और खिलौना बनाने वाली दिग्गज हेमलीज, रिया रिटेल (जो बच्चों के लिए उत्पाद बेचती है) और ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी इन्फीबीम में भी निवेश किया। सूत्रों ने कहा, रिलायंस का चतुराई भरा कदम फ्यूचर समूह का अधिग्रहण हो सकता है, जिसके लिए अभी बातचीत चल रही है।

First Published : August 20, 2020 | 11:42 PM IST