नई सरकार में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को अगले 100 दिन में कई काम प्राथमिकता के तौर पर अंजाम देने हैं। वह पिछले साल पारित किए गए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (डीपीडीपीए), दूरसंचार जैसे महत्त्वपूर्ण विधेयक के लिए नियम अधिसूचित करने के साथ-साथ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने में व्यस्त रहेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का अगले 100 दिन का सबसे बड़ा एजेंडा आईटी एक्ट में हुए संशोधन के अनुसार काम को आगे बढ़ाना और डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत नीतियों का खाका तैयार करना है।
निर्यात की व्यापक संभावनाओं और स्थानीय स्तर पर बाजार को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का और अधिक विस्तार किए जाने की भी संभावना है। मंत्रालय इसी के साथ उपकरणों के पारिस्थितिकीय तंत्र के लिए भी इसी प्रकार की वित्तीय प्रोत्साहन योजना ला सकता है।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में इंडिया एआई मिशन को लागू करना भी मंत्रालय की प्राथमिकताओं में शामिल होगा, क्योंकि यह भारत को वैश्विक स्तर पर एआई के क्षेत्र में अग्रणी बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
मंत्रालय और प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर करीब से नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि नीति निर्धारण के स्तर पर स्थान का बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा, लेकिन दिशानिर्देशों को बनाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी खिंच सकती है क्योंकि अब गठबंधन सरकार में नीतिगत मामलों में व्यापक सर्वसम्मति बनाने की आवश्यकता होगी।
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा संचार मंत्रालय का प्रभार वर्ष 2016 तक एक ही कैबिनेट मंत्री के पास रहा है। लेकिन 2016 में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को संचार मंत्रालय से अलग किया गया। वर्ष 2021 से मंत्री अश्विनी वैष्णव इसके प्रभारी रहे हैं।
टेलीकॉम का लक्ष्य
अधिकारियों का कहना है कि आगामी 25 जनू को प्रस्तावित स्पेक्ट्रम नीलामी को सफलतापूर्वक अंजाम देना मंत्रालय की सबसे पहली बड़ी जिम्मेदारी है।
स्पैम मैसेज और कॉल की बढ़ती शिकायतों को दूर करने के लिए प्रौद्यगिकी और नीतिगत स्तर पर आने वाली अनेक अड़चनों को दूर करना नई सरकार में मंत्रालय के अगले 100 दिनों के एजेंडे में शामिल हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि स्पैम और टेली स्कैम को यूनिवर्सल प्रकृति को देखते हुए, ‘चक्षु’ जैसे प्रमुख निगरानी प्लेटफॉर्म में बदलाव की मुहिम और टेलीकॉम कंपनियों द्वारा डिजिटल कंसेंट अथॉराइजेशन (डीसीए) को अनिवार्य तौर पर लागू कराना मंत्री की प्रमुख जिम्मेदारियों में रहेगा।
इसी प्रकार बहुत ही महत्त्वपूर्ण समझे जा रहे टेलीकॉम बिल के लिए विभागीय नियम बनाना और सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया की शर्तें तैयार करना भी टेलीकाम मंत्री के लिए 100 दिन के प्रमुख कार्यों में शामिल होगा।