देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) नई तकनीक में निवेश कर रही है और कंपनी को उम्मीद है कि दो साल की मंदी की आशंका के बाद अब वित्त वर्ष 2024-25 (वित्त वर्ष 2025) में वह बेहतर प्रदर्शन करेगी। कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कंपनी की सालाना रिपोर्ट के बारे में शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), नई ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला और प्रतिभा वैश्विक उद्योगों की प्राथमिकता को आकार देने वाले मेगा ट्रेंड बन गए हैं क्योंकि मैक्रो इनवॉयरमेंट महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘दो साल से मंदी का डर लगातार बढ़ती महंगाई और मौद्रिक सख्ती के बाद विकास में सुधार, अपस्फीति और मौद्रिक सहजता के साथ वैश्विक मैक्रो आउटलुक अब अपेक्षाकृत बेहतर दिख रहा है।’
चंद्रशेखरन ने कहा कि जेनरेटिव एआई (जेन एआई) प्रौद्योगिकी लगभग हर क्षेत्र और देश प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा, ‘उद्यमों ने पहले ही क्लाउड, डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर और बड़ी प्रोसेसिंग पावर में निवेश किया है जो एआई/जेन एआई की सहायता करेगा। जेन एआई न केवल उत्पादकता में सुधार करेगा बल्कि उसके ऐसे प्रभाव भी देखने को मिलेंगे जिसकी पहले कभी कल्पना की गई होगी और न ही देखा गया होगा।’
जेनएआई, नई ऊर्जा, डेटा और उन्नत विनिर्माण से कार्य की प्रकृति में बदलाव हो रहा है और नए कौशल की जरूरत है। आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्संतुलन भी चल रहा है और वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षित नेटवर्क कारोबारों के लिए ध्यान देने वाले क्षेत्र बन गए हैं।
चंद्रशेखरने ने कहा कि टीसीएस ऐसी ही वैश्विक बदलावों से निपटने के लिए नई प्रौद्योगिकी और लोगों में निवेश कर रही है।
टीसीएस ने वित्त वर्ष 2024 में एआई डॉट क्लाउड बनाकर दो प्रौद्योगिकी में अपनी विशेषज्ञता बनाई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रत्येक कारोबारी समूह उद्योग मूल्य श्रृंखला के लिए डोमेन विशिष्ट एआई/जेन एआई पेशकश तैयार कर रही है। टीसीएस के उत्पादों और सेवाओं को भी एआई क्षमता के साथ विस्तार दिया जा रहा है।