इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा मोटर्स फाइनैंस और टाटा टेलीसर्विसेज सहित टाटा समूह की कंपनियों ने अपना ऋण बोझ हल्का करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत कंपनियों ने अपने
शेयरों की बिक्री और कारोबार पोर्टफोलियो के कुछ हिस्से को बेचकर रकम जुटाई है।
स्टॉक एक्सचेंज की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, बुधवार को इंडियन होटल्स ने अपने ऋण बोझ को घटाकर लगभग आधा करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए पात्र संस्थागत नियोजन को लॉन्च किया। टाटा मोटर्स फाइनैंस 14,500 करोड़ रुपये मूल्य के अपने वाहन पोर्टफोलियो की बिक्री के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से बातचीत कर रही है। एक बैंकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे मूल कंपनी के समेकित ऋण बोझ को हल्का किया जाएगा।
टाटा समूह की दूरसंचार इकाई टाटा टेलीसर्विसेज ने पिछले दो सप्ताह के दौरान 2,420 करोड़ रुपये की ऋण अदायगी की है। इससे पहले मूल कंपनी टाटा संस ने घाटे में चल रही अपनी इस सहायक कंपनी में पूंजी निवेश किया था। टाटा समूह की बिजली उत्पादन एवं वितरण इकाई टाटा पावर भी अपने नवीकरणनीय ऊर्जा कारोबार को एक निवेश ट्रस्ट में हस्तांतरित करते हुए अपने ऋण बोझ में 25,000 करोड़ रुपये की कमी लाने की योजना बना रही है। बैंकरों ने कहा कि इस ओर कार्य प्रगति पर है लेकिन उसकी रफ्तार धीमी है।
इस समाचार पत्र द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में टाटा समूह का शुद्ध ऋण बोझ घटकर 2.04 लाख करोड़ रुपये रह गया जो एक साल पहले 2.6 लाख करोड़ रुपये था। दिलचस्प है कि इस महीने के अंत में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में टाटा समूह की गैर-सूचीबद्ध प्रमुख होल्डिंग कंपनी टाटा संस का ऋण बोझ बढ़ेगा क्योंकि उसने 15,700 करोड़ रुपये के ऋण बोझ के साथ प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है।
एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘टाटा समूह की नीति अगले दो वर्षों के दौरान समूह की कंपनियों के ऋण बोझ में उल्लेखनीय कमी करना है।’ उन्होंने कहा कि ऋण बोझ हल्का होने से कंपनियों को बेहतर मूल्यांकन हासिल करने में मदद मिलेगी। टाटा संस ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
समूह के आंतरिक सूत्रों ने कहा कि टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के बहीखाते पर काफी ऋण बोझ है। नीलाचल इस्पात का अधिग्रहण 12,000 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत किए जाने के साथ ही टाटा स्टील के ऋण बोझ में इस वित्त वर्ष के दौरान कहीं अधिक वृद्धि होगी। इस्पात कंपनी ने अब अपने 63,000 करोड़ रुपये के शुद्ध ऋण बोझ को घटाकर सितंबर 2024 तक शून्य करने का लक्ष्य रखा है। पिछली सात तिमाहियों के दौरान उसने 42,000 करोड़ रुपये की अदायगी की है।
बोर्ड की बैठक आज
टाटा मसूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की बोर्ड बैठक गुरुवार को होगी। सूत्रों के अनुसार कोविड की शुरुआत के बाद से टाटा संस के बोर्ड की यह पहली फिजिकल बैठक होगी। बोर्ड बैठक में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की शेयर पुनर्खरीद से जुटाए गए 13,000 करोड़ रुपये के बाद अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजी आवंटन पर विचार किया जा सकता है।