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Tata Sons के IPO को 96 अरब डॉलर तक का मिल सकता है मूल्यांकन: Spark

Tata Sons IPO: टाटा ग्रुप भारत का एक बहुत बड़ा और प्रसिद्ध ग्रुप है। इस ग्रुप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा मोटर्स जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 05, 2024 | 4:00 PM IST

स्पार्क PWM प्राइवेट लिमिटेड नाम की मुंबई स्थित निवेश बैंकिंग फर्म का अनुमान है कि Tata Sons लिमिटेड का IPO 8 खरब रुपये (96 अरब डॉलर) का मूल्यांकन प्राप्त कर सकता है। यह IPO अगले 18 महीनों के भीतर पेश किए किए जाने की संभावना है।

टाटा ग्रुप भारत का एक बहुत बड़ा और प्रसिद्ध ग्रुप है। इस ग्रुप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा मोटर्स जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। सितंबर 2022 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा ग्रुप को “upper-layer” गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में कैटेगराइज किया था। इस कैटेगरी में आने वाली कंपनियों को 3 साल के अंदर सार्वजनिक रूप से शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य है।

विश्लेषक विदित शाह का मानना ​​है कि ग्रुप द्वारा किए गए गैर-लिस्टेड निवेशों में मूल्य वृद्धि की बहुत संभावना है। क्योंकि ग्रुप सेमीकंडक्टर और ईवी बैटरी जैसे नए जमाने के सेक्टर में प्रवेश कर रहा है। ये सेक्टर तेजी से बढ़ रहे हैं और भविष्य में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

Tata Sons की लिस्टिंग से भारत के IPO बाजार को मिलेगा बढ़ावा

Tata Sons के शेयर बाजार में आने से भारत के IPO बाजार को गति मिलेगी। देश में कई कंपनियां अपनी बढ़ती वैल्यूएशन का फायदा उठाते हुए शेयर बेचने की योजना बना रही हैं। 2024 की शुरुआत से अब तक भारत में IPO की संख्या दोगुनी से भी अधिक होकर 56 हो गई है।

Tata Sons के IPO में निवेशकों को मिल सकता है 30-60% का लाभ

शाह ने आगे कहा, Tata Sons के लिस्टेड निवेश का बाजार मूल्य 16 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है। इसकी निजी हिस्सेदारी का मूल्य 1-2 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है। निवेशकों को होल्डिंग कंपनी के लिए 30-60 प्रतिशत की छूट का लाभ मिल सकता है।

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शाह ने आगे कहा, Tata Sons का 96 अरब डॉलर का मूल्यांकन इसे भारत का सबसे मूल्यवान ग्रुप बना देगा। 5% हिस्सेदारी 2022 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के IPO से भी अधिक मूल्यवान होगी। IPO टाटा समूह के जटिल होल्डिंग स्ट्रक्चर को सरल बना सकता है। कुछ लिस्टेड कंपनियां ग्रुप के भीतर अपनी हिस्सेदारी को समाप्त कर सकती हैं।

शाह का मानना ​​है कि Tata Sons की लगभग 80% हिस्सेदारी मुद्रीकरण योग्य नहीं हो सकती है। इसका मतलब यह है कि इन शेयरों को आसानी से खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है। कंपनी की जटिल संरचना के कारण, Tata Sons में शेयरधारिता को बदलना मुश्किल हो सकता है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published : March 5, 2024 | 4:00 PM IST