टाटा संस की रियल एस्टेट शाखा टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड भारत, श्रीलंका और मालदीव के प्रमुख शहरों में 50 से अधिक परियोजनाओं के साथ अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रही है। इन संयुक्त परियोजनाओं की कुल विकास क्षमता 5.1 करोड़ वर्ग फुट से अधिक है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
मालदीव के माले में टाटा रियल्टी परियोजना विकास का पहला चरण पूरा कर चुकी है और अब वह दूसरे चरण में प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। वह श्रीलंका में भी अपनी मौजूदगी का विस्तार कर चुकी है तथा कोलंबो में लगभग 20 लाख वर्ग फुट जोड़ने की योजना बना रही है।
भारत में टाटा रियल्टी ने नवी मुंबई में 470 एकड़ क्षेत्र विकसित किया है, जिसमें वाणिज्यिक, आवासीय, खुदरा और आईटी केंद्र भी शामिल हैं। सकारात्मक उपभोक्ता धारणा और दमदार कारोबारी पेशकश से प्रेरित कंपनी ने कहा कि उसे भारत के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण और पूर्व के बाजार में मांग नजर आई है।
गुरुग्राम में ला विडा, बहादुरगढ़ में न्यू हेवन, नोएडा में यूरेका पार्क, मुंबई में सेरीन और बेंगलूरु में स्वरम जैसी आवासीय परियोजनाएं असाधारण बिक्री वृद्धि को बढ़ाने में सहायक रही हैं। टाटा रियल्टी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक संजय दत्ता ने कहा कि कंपनी अगले दो से तीन साल के दौरान एक करोड़ वर्ग फुट की नई परियोजनाएं पेश करने के लिए तैयार है, जिससे 16,000 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व पैदा होगा।
दत्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमने पिछले पांच वर्षों के दौरान अपने आवासीय पोर्टफोलियो में 26 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) देखी है। वृद्धि की इस राह के अनुरूप हमारा अनुमान है कि हम आगे चलकर समान या अधिक स्तर तक पहुंच जाएंगे। भारत में अपने वाणिज्यिक पोर्टफोलियो के तहत टाटा रियल्टी ने इस साल के आखिर तक 4,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बेंगलूरु में दो आईटी पार्क सहित 50 लाख वर्ग फुट का कार्यालय क्षेत्र पेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी ने बेंगलूरु में ग्रेफाइट इंडिया लिमिटेड से 986 करोड़ रुपये में 1.02 लाख वर्ग मीटर से अधिक की जमीन खरीदी है। इसमें 45 लाख वर्ग फुट की विकास क्षमता है। साथ ही साथ कंपनी 6,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बेंगलूरु और पुणे में तकरीबन 80 लाख वर्ग फुट का कार्यालय क्षेत्र विकसित करने पर भी विचार कर रही है।