प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अरबपति कारोबारी ईलॉन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन भारत में सिर्फ 20 लाख उपयोगकर्ताओं को कनेक्शन दे सकती है। केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया स्टारलिंक की सेवा लेने वाले उपभोक्ताओं को अधिकतम प्रति सेकंड 200 मेगाबाइट (200 एमबीपीएस) की स्पीड मिलेगी और इसके लिए उन्हें 3,000 रुपये हर महीने देने पड़ेंगे।
पेम्मासानी ने कहा कि सैटकॉम सेवा इतनी महंगी होने के कारण बीएसएनएल की सेवाएं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित नहीं होंगी। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की समीक्षा बैठक के इतर उन्होंने कहा, ‘इससे दूरसंचार सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।’
पिछले एक साल में सरकार ने बीएसएनएल के लिए हर महीने एक टावर के हिसाब से 10 लाख 4जी टावर लगाए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही देश में ही विकसित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि सरकारी दूरसंचार कंपनी देश भर में 4जी कनेक्शन से जुड़ी समस्याओं का लगातार समाधान कर रही है। पेम्मासानी ने कहा, ‘दो-तीन सालों में सब कुछ विकसित करना और उनका एकीकरण करना मुश्किल था। कुछ समस्याएं थीं और हमने उनमें से काफी हद तक सुलझा ली हैं। 90 फीसदी समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। हमारा लक्ष्य सभी को एक साथ लाना है।’
मंत्री ने कहा कि दूरसंचार विभाग बीएसएनएल के टावरों और बेस स्टेशनों के लिए पर्याप्त बिजली बैकअप की कमी तथा फिक्स्ड लाइन फाइबर कनेक्शन टूटने जैसे पुरानी समस्याओं को हल करने की दिशा में भी लगातार काम कर रहा है।