पहले के मुकाबले अब अनुबंध के तमाम विकल्प उपलब्ध होने से एलएनजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद मिल सकती है। यह उन उपभोक्ताओं को आश्वस्त करने के लिए एक दृष्टिकोण हो सकता है कि जनवरी 2021 की तरह एलएनजी कीमतों में तेजी से प्राकृतिक गैस को अधिक से अधिक अपनाने की संभावनाएं बाधित नहीं होंगी।
शेल एनर्जी एशिया के उपाध्यक्ष अजय शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘इन दिनों आपके पास हाजिर, अल्पकालिक, दीर्घकालिक और वैकल्पिक अनुबंध हैं। ऐसे अनुबंध भी हैं जो एक कार्गो के लिए होते हैं जबकि कुछ अन्य अनुबंध 100 कार्गो तक केलिए होते हैं। इतना ही नहीं हमारे पास सूचकांक भी हैं।’ पहले के मुकाबले अब विकल्प कहीं अधिक हो गए हैं क्योंकि पहले एक स्थान से दूसरे स्थान तक गैस की आपूर्ति के लिए अनुबंध किए जाते थे। इस प्रकार के अनुबंध निर्धारित मात्रा के लिए किए जाते थे और कीमत कच्चे तेल के भाव से जुड़ी होती थी। शाह एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि एलएनजी की कीमतों में वृद्धि ग्राहकों को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘जेकेएम (जापान कोरिया मार्कर) एशिया का हाजिर मार्कर है लेकिन अब हमारे पास डब्ल्यूआईएम (वेस्ट एशिया मार्कर) भी है। विभिन्न सूचकांक के बारे में बात करने के लिए विक्रेताओं और खरीदारों में दिलचस्पी भी है।’ शाह शेल एनर्जी एशिया के प्रमुख हैं और वह पूरे एशिया में शेल के कारोबार को आकार एवं रणनीतिक दिशा देने के लिए जिम्मेदार है।
एलएनजी की हाजिर कीमत जनवरी 2021 में रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया था। हाजिर बाजार में प्राकृतिक गैस की कीमत को काफी हद तक जेकेएम द्वारा दर्शाया जाता है। फरवरी में डिलिवरी वाले एलएनजी की कीमत बढ़कर 32 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो गई थी।
शेल के एलएनजी आउटलुक 2021 के अनुसार, एलएनजी की मांग बढ़ रही है और इस दशक के मध्य तक मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर पैदा होने की आशंका है क्योंकि नई परियोजनाओं से उत्पादन काफी कम रहेगा।