जी हां, विश्वव्यापी मंदी ने जगमगाते होटल कारोबार को गर्दिश में पहुंचा दिया है। मुंबई से लेकर दिल्ली तक या फिर जयपुर से लेकर उदयपुर तक, सभी छोटे-बड़े होटल कारोबारी पर्यटकों की बाट जोह रहे हैं।
बुकिंग में 30 फीसदी तक की कमी आ चुकी है। किराए में कटौती कर पर्यटकों को लुभाने का नुस्खा भी फेल हो गया है।
कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाले दिल्ली के होटल, इन दिनों अतिथियों की राह ताक रहे हैं। दरअसल, वैश्विक मंदी ने दिल्ली ही नहीं, बल्कि सारी जगह होटलों की चमक फीकी कर दी है।
पूरी दुनिया के होटलों की बुकिंग में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भारत की राजधानी दिल्ली की बात करें, तो ज्यादातर होटलों में कमरे खाली पड़े हैं, जबकि कारोबारियों को आशा है कि छुट्टियों का मौसम शुरू होने से बुकिंग दर में इजाफा होगा।
पांच सितारा होटल क्लैरिज ऐंड रिसॉर्ट के अध्यक्ष और सीईओ पीटर जे. लाइतजेब का कहना है कि मंदी के बावजूद अप्रैल-नबंवर 2008 में पांचसितारा होटलों का कारोबार तो अच्छा रहा, लेकिन मुंबई हमले और मंदी के गहराने से दिसंबर-जनवरी महीने में बुकिंग दर में गिरावट दर्ज की गई।
पीटर ने बताया कि पिछले साल मौजूदा समय में कमरों की बुकिंग दर जहां 90 फीसदी थी, वहीं यह घटकर 70 फीसदी पर पहुंच गई है।
भारतीय टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय ठाकुर ने कहा कि दिसंबर और जनवरी के दौरान विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखी गई है। इस दौरान कई एयरलाइंसों ने अपने किराये में कमी भी की है, इसके बावजूद पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है।
उन्होंने बताया कि पांचसितारा होटलों की बुकिंग पर उतना असर तो नहीं देखा जा रहा है, लेकिन बजट होटलों पर इसकी खूब मार पड़ी है। पहाड़गंज में होटल चलाने वाले राकेश मित्तल का कहना है कि दिसंबर-जनवरी में पिछले साल जहां 80-90 फीसदी कमरे बुक थे, वहीं इस साल करीब 40 फीसदी कमरे खाली पड़े हैं।
पीटर का कहना है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए होटल कारोबारी कई तरह के पैकेज लेकर आ रहे हैं, वहीं कुछ होटलों ने कमरों के किराए में भी कटौती की है। हालांकि उन्होंने कटौती की दर बताने से इनकार कर दिया।
वैसे, मित्तल का कहना है कि मंदी और आतंकी घटनाओं की वजह से होटलों की बुकिंग में आ रही गिरावट को देखते हुए बजट होटलों ने अपने किराए में करीब 30 फीसदी तक की कटौती की है।
होटल उद्योग के जानकारों का कहना है कि जहां तक होटल कारोबार की आय की बात है, तो करीब 60-70 फीसदी हिस्सा विदेशी पर्यटकों से आता है, जबकि मुंबई हमले और मंदी की वजह से विदेशी पर्यटकों का आना कम हो गया है।
इससे होटल कारोबार पर मार पड़ना लाजिमी है। होटल कारोबारी विजय ठाकुर का कहना है कि होटल कारोबारियों की निगाहें अब घरेलू पर्यटकों पर टिकी हैं। यही वजह है कि कई होटलों ने पर्यटकों को लुभाने के लिए आकर्षक पैकेज की घोषणा की है, जिसमें किराए में कटौती भी शामिल है।
उनके मुताबिक, अगर स्थिति में सुधार नहीं आया, तो इस साल होटल कारोबार की आय में करीब 30 फीसदी की कमी आ सकती है।