एसोचैम ने देश के खुदरा क्षेत्र के नियमन के लिए एक राष्ट्रीय एजेंसी का सुझाव दिया है ताकि आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह के फुटकर कारोबारी बाजार में बने रह सकें।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि खुदरा क्षेत्र के नियमन का काम एक ही केंद्रीय एजेंसी के पास होना चाहिए। जो न केवल नीतियां बनाए बल्कि उनका उचित कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करे। फिलहाल उद्योग मंत्रालय तथा उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय संयुक्त रूप से इस क्षेत्र का नियमन कर रहा है।
संगठन का कहना है कि इस क्षेत्र में अनेक प्रशासनिक एजेंसियों के होने से भ्रम पैदा हो रहा है जिसे दूर किया जाना चाहिए। खुदरा क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने की जिम्मेदारी अकेले वाणिज्य विभाग की है, जबकि उनके कार्यान्वयन को उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय देखता है। इससे खुदरा क्षेत्र का विकास प्रभावित होता है।
इसमें कहा गया है कि सरकार को व्यापक राष्ट्रीय खुदरा नीति बनानी चाहिए जिसके तहत एक नोडल एजेंसी इस क्षेत्र का नियमन करे। एसोचैम का कहना है कि एक से अधिक एजेंसियों के होने के कारण आधुनिक व पारंपरिक खुदरा कारोबारियों का एक साथ बना रहना असंभव सा हो गया है।
