मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम (आरपीएल)के खिलाफ भेदिया कारोबार (इनसाइडर ट्रेडिंग)की शिकायत है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को इस सिलसिले में 19 कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली हैं।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में आज बताया कि 2006 में सेबी को इस सिलसिले में 9 कंपनियों के खिलाफ शिकायतें मिलीं।
अगले साल 6 कंपनियों और 2008 में 3 कंपनियों के खिलाफ शिकायतें हुईं, जबकि इस साल जनवरी में एक कंपनी के खिलाफ इस सिलसिले में शिकायत मिली है। लेकिन उन्होंने कंपनियों के नाम नहीं बताए।
इस सिलसिले में आरपीएल को ईमेल भेजा गया, लेकिन उसकी ओर से कोई भी जवाब नहीं आया। आरपीएल मामले में सेबी की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 नवंबर 2007 को कंपनी के शेयरों के डेरिवेटिव सौदे बाजार में पोजिशन की सीमा के 95 फीसदी तक पहुंच गए।
इस वजह से कंपनी पर ओपन इंटरेस्ट पोजिशन और नहीं बढ़ाने संबंधी प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि मौजूदा नियमों में सीमा यहीं तक है।
इसके बाद 7 नवंबर 2007 से ओपन इंटरेस्ट पोजिशन में और इजाफे पर भी रोक लगा दी गई और ओपन इंटरेस्ट सीमा के 80 फीसदी स्तर पर आने तक ब्रोकरों और ग्राहकों से मौजूदा पोजिशन पर ही कारोबार करने के लिए कहा गया।
भेदिया कारोबार का लगा आरोप
सेबी के पास शिकायत
कंपनी ने नहीं दिया जवाब