बंबई उच्च न्यायालय ने श्नाइडर इलेक्ट्रिक प्रेसिडेंट सिस्टम्स को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ अपने विवाद में नए सिरे से प्रतिभूति अपीलीय ट्रिब्यूनल (सैट) के पास जाने का निर्देश दिया है। सेबी ने कंपनी को अपने शेयरों की सूचीबद्धता खत्म करने अथवा छह महीने के भीतर एक राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराने के लिए कहा था।
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि सैट को 26 नवंबर, 2019 के अपने पहले के आदेश से प्रभावित हुए बिना इस नई अपील पर सुनवाई करनी चाहिए। अदालत ने सेबी को भी निर्देश दिया कि अगले तीन सप्ताह तक कंपनी के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न की जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘यदि याची द्वारा अपील दायर की जाती है तो प्रतिभूति अपीलीय ट्रिब्यूनल द्वारा 26 नवंबर, 2019 के अपने पहले के आदेश से प्रभावित हुए बिना उस पर फैसला सुनाया जाएगा और उसके फैसले को प्रथम दृष्टिया माना जाएगा।’
उच्च न्यायालय ने याची (श्नाइडर इलेक्ट्रिक) के वरिष्ठ वकील की उन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया कि सैट इस मामले में एक प्रभावी फैसला देने में सक्षम नहीं हो सकता क्योंकि वह पहले दौर की मुकदमे में एक राय बना चुका है जिसमें इस मामले को वापस सेबी के पास भेज दिया गया था। नवंबर 2019 में सैट के आदेश को सेबी ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अक्टूबर, 2020 के अपने आदेश के तहत सिविल अपील को खारिज करते हुए सेबी को निर्देश दिया कि वह सैट द्वारा दिए गए फैसले से प्रभावित हुए बिना मामले को निर्धारित करे।
उसी के आधार पर सेबी ने पिछले महीने अपने एक आदेश में श्नाइडर को छह महीने के भीतर एक राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने अथवा सेबी (डीलिस्टिंग ऑफ इक्विटी शेयर्स) रेग्युलेशन, 2009 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए अपने निवेशकों से बाहर निकलने का अवसर दे।