सत्यम कंप्यूटर के नवगठित बोर्ड की पहली बैठक में दीपक पारेख ने कहा कि सरकार बोर्ड में जल्द ही कुछ और निदेशकों की नियुक्ति करेगी और अध्यक्ष का चुनाव पूर्ण बोर्ड करेगा।
करीब 7,800 करोड़ रुपये के घोटाले से जूझ रही कंपनी के लिए पुनर्गठित निदेशक मंडल की बैठक में नकदी की कमी समेत सभी फौरी मुद्दों से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई।
पारेख ने कहा कि सत्यम के पास रोजमर्रा के काम के लिए पूंजी पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
उन्होंने बोर्ड के दो अन्य सदस्यों किरण कार्णिक और सी. अच्युतन के साथ मिलकर सत्यम के खातों की नई ऑडिट परीक्षा के लिए 48 घंटे के अंदर स्वतंत्र ऑडिट कंपनी की नियुक्ति करने की भी घोषणा की।
पारेख ने कहा कि कंपनी के लिए नए मुख्य कार्याधिकारी और मुख्य वित्तीय अधिकारी नियुक्त करने की जरूरत है। हालांकि पहली प्राथमिकता ग्राहकों, कर्मचारियो, आपूर्तिकर्ताओं और निवेशकों में भरोसा कायम करना है।
सेवा क्षेत्र की कंपनी होने के नाते इसकी साख को बहाल करना सबसे जरूरी है, क्योंकि सारा कारोबार उसी पर टिका होता है।
सी. अच्युतन ने बताया कि कंपनी के लिए कानूनी मामलों से बचाव की मांग नहीं की गई है, लेकिन ऑडिट फर्म प्राइस वाटरहाउस के खिलाफ मुकदमा दायर करने की बात से उन्होंने फिलहाल इनकार किया।
सरकार देगी नकदी का सहारा!
संकट के मझधार में फंसी सत्यम को सरकार किसी भी हालत में डूबने से बचाने की कोशिश में लगी है। इस बाबत मंगलवार को प्रधानमंत्री कंपनी मामलों के मंत्री और वित्त मंत्री के साथ बैठक करेंगे, जिसमें सत्यम को वित्तीय राहत देने पर भी विचार किया जा सकता है।
वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने भी संकेत दिए कि सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी दी जा सकती है।
सत्यम के शेयरों में लौटी कुछ चमक
खाते में हेराफेरी के खुलासे से लगातार गिरावट झेल रहे सत्यम के शेयरों में सरकार की ओर से नया निदेशक मंडल गठित किए जाने से सोमवार को उछाल दर्ज किया गया।
सेंसेक्स में गिरावट के बावजूद शुरुआती कारोबार के दौरान सत्यम के शेयरों में करीब 60 फीसदी का उछाल आया। बाद में इसमें थोड़ी गिरावट आई और कारोबार समाप्त होने पर यह 44.23 फीसदी चढ़कर 34.40 रुपये पर बंद हुआ।
राजू की जमानत नहीं, 16 को सुनवाई
अदालत ने बी. रामलिंग राजू समेत सत्यम के तीन पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिका की सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए टाल दी। राजू के वकील भरत कुमार ने कहा कि मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्टे्रट 16 जनवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे।
राजू के बचाव के लिए 25 वकीलों का दल काम कर रहा है। राजू के अलावा उनके भाई रामा राजू और श्रीनिवास को भी 23 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
‘राजू और प्राइस वाटरहाउस ही दोषी’
सत्यम फर्जीवाड़े मामले में कंपनी के पूर्व सीएफओ वी. श्रीनिवास ने नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि करीब 7000 करोड़ रुपये के इस घोटाले में कंपनी की ऑडिटर फर्म प्राइस वाटरहाउस और संस्थापक रामलिंग राजू जिम्मेदार हैं।
कंपनी के फिक्स्ड डिपॉजिट फर्जी हैं और गड़बड़ी ऑडिट विभाग और प्रबंधन की मिलीभगत से हुआ है। फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े मामले राजू खुद देखते थे।