भारत में कोविड-19 की दूसरी घातक लहर का कहर जारी है और दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एमेजॉन ने कई पहलों के जरिये भारत को समर्थन देने का वादा किया है ताकि देश में ऑक्सीजन, चिकित्सा उपकरणों की कमी और बाकी जरूरतें पूरी की जा सकें।
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नाडेला ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए काफी दुख हो रहा है। मैं अमेरिकी सरकार का आभारी हूं कि वह मदद के लिए आगे आ रही है। माइक्रोसॉफ्ट राहत देने की अपनी कोशिशों, जरूरी ऑक्सीजन कंस्ट्रेशन उपकरण की खरीद और मदद के लिए अपनी आवाज बुलंद करने के साथ संसाधनों और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना जारी रखेगा।’
इस बीच, अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्वीट किया, ‘भारत में कोविड संकट के बिगड़ते हालात को देखकर मैं आहत हूं। गूगल और इस कंपनी के लोग गिवइंडिया, यूनिसेफ को मेडिकल आपूर्ति, ज्यादा जोखिम वाले समुदायों के लिए काम करने वाले संगठनों और महत्त्वपूर्ण जानकारी देने में मदद करने के लिए अनुदान के तौर पर 135 करोड़ रुपये दे रहे हैं।’
गूगल इंडिया कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि कंपनी भारत के लिए 135 करोड़ रुपये (18 करोड़ डॉलर) देने की घोषणा कर रही है जिनमें गूगल डॉट ओआरजी और गूगल की लोकोपकारी शाखा के दो अनुदान शामिल हैं जो करीब 20 करोड़ रुपये (26 लाख डॉलर) है। गुप्ता ने ब्लॉग में कहा कि पहला, गिवइंडिया के जरिये महामारी संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित परिवारों के रोजमर्रा के खर्चों में मदद करने के लिए नकद सहायता देना है। इसके अलावा यूनिसेफ को पूंजी दी जाएगी ताकि ऑक्सीजन और जांच उपकरण सहित तत्काल चिकित्सा आपूर्ति पाने में मदद मिल सके जिसकी भारत में इसकी सबसे अधिक जरूरत है। इसमें गूगल के कर्मचारियों द्वारा दिया जाने वाला अनुदान भी शामिल है। अब तक गूगल के 900 से अधिक कर्मचारियों ने ज्यादा जोखिम झेल रहे और गरीब तबके के लोगों के लिए काम करने वाले संगठनों के लिए 3.7 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
गुप्ता ने कहा, ‘अभी भारत महामारी के सबसे मुश्किल वक्त से गुजर रहा है। कोविड-19 के रोजाना के मामले रिकॉर्ड दर्ज कर रहे हैं। अस्पतालों में लोगों को भर्ती करने की जगह नहीं है। ज्यादा मरीजों की तादाद बढऩे के साथ तत्काल आपूर्ति की भी जरूरत है। हमारी कंपनी गूगल से जुड़े लोग और उनके परिवारों पर भी इसका असर पड़ रहा है। हम खुद से पूछ रहे हैं कि हम एक कंपनी के रूप में और क्या कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को अपने परिवारों और समुदायों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक जानकारी और समर्थन मिले।’
इस फंडिंग में सार्वजनिक स्वास्थ्य सूचना अभियानों के लिए विज्ञापन अनुदान में वृद्धि भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल से हमने सरकारी पोर्टल ‘माइगव’ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद की है ताकि दर्शकों को यह संदेश दिया जा सके कि कैसे सुरक्षित रहना है और टीके से जुड़े वास्तविक तथ्य क्या हैं। हम आज स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरणों और गैर-लाभकारी संस्थाओं को अधिक भाषा कवरेज विकल्पों के लिए विज्ञापन अनुदानों में अतिरिक्त 112 करोड़ रुपये का समर्थन दे रहे हैं।’ रविवार को एमेजॉन इंडिया ने भी विभिन्न पहलों के जरिये भारत को समर्थन देने की बात कहते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को हवाई माध्यमों से भेजने के लिए अपने वैश्विक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का इस्तेमाल करने की बात कही। कंपनी ने कहा कि यह सिंगापुर से तत्काल 8000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 500 बीआईपीएपी मशीनों को तत्काल हवाई जहाज से भेजने के लिए एसीटी ग्रांट, टेमासेक फाउंडेशन, पुणे प्लेटफॉर्म फॉर कोविड-19 रिस्पांस (पीपीसीआर) और अन्य भागीदारों के साथ हाथ मिला रही है।
एमेजॉन इंडिया के कंट्री हेड और वैश्विक वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा, ‘कोविड-19 ने भारत को बुरी तरह प्रभावित किया है जो अकल्पनीय है। हम देश के साथ दृढ़ता से खड़े हैं और अपने वैश्विक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क की मदद ले रहे हैं ताकि भारत की तत्काल जरूरत के लिए जरूरी ऑक्सीजन हवाई मार्ग से भेजा जा सके। हम जीवन बचाने में मदद करने के लिए अन्य सार्थक तरीके तलाश रहे हैं और संकट के इस समय में भारत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’