प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) इस साल सितंबर तक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PM Internship Scheme) का पूर्ण रूप से लॉन्च कर सकता है। यह निर्णय मौजूदा पायलट प्रोग्राम से मिली सीखों के आधार पर लिया जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, “अब से पांच-छह महीनों में स्कीम को विधिवत लॉन्च किया जा सकता है। पायलट से हमें काफी अहम जानकारियां और अनुभव मिले हैं।”
यह पायलट स्कीम 3 अक्टूबर, 2024 को शुरू की गई थी। पूर्ण स्कीम की शुरुआत के लिए मंत्रालय को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंज़ूरी लेनी होगी।
वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के केंद्रीय बजट में इस स्कीम के लिए आवंटन को संशोधित अनुमान ₹380 करोड़ से बढ़ाकर ₹10,831.07 करोड़ कर दिया गया है। यह स्कीम युवाओं की रोजगार-योग्यता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
स्कीम के पहले चरण में 1,27,000 से अधिक इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराए गए थे, जबकि दूसरे चरण में यह संख्या करीब 1,15,000 रही। दिसंबर 2024 से अब तक 28,000 से अधिक चयनित उम्मीदवारों में से केवल 8,700 ने स्कीम के तहत इंटर्नशिप शुरू की है। यह जानकारी संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट में दी गई है।
स्कीम के पायलट के दूसरे चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। एमसीए ने हाल ही में प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है।
संसदीय पैनल ने स्कीम से जुड़ी कई समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया है—जैसे इंटर्नशिप के अवसरों और वास्तविक भागीदारी के बीच अंतर, इंटर्न्स में लैंगिक असमानता और फंड्स का कम उपयोग।
अब तक इस स्कीम को इंटर्न्स से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसका एक बड़ा कारण स्थान और इंटर्नशिप की अवधि को माना गया है।
MCA ने समिति को बताया है कि लोकेशन एक अहम मुद्दा है, और आदर्श यात्रा दूरी इंटर्न्स के लिए 5 से 10 किलोमीटर के बीच होनी चाहिए।
इसके अलावा, इंटर्नशिप की लंबी अवधि, उम्मीदवारों की रुचियों और पेश की गई भूमिकाओं के बीच असंगति, और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व पॉलिटेक्निक छात्रों के लिए आयु सीमा घटाने की मांग भी स्कीम में कम भागीदारी के कारणों में शामिल हैं।
स्कीम में पिछले तीन वर्षों के औसत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) खर्च के आधार पर शीर्ष 500 कंपनियों को शामिल किया जाएगा। ये कंपनियां अपने सप्लायर्स, कस्टमर्स और वेंडर्स जैसी फॉरवर्ड और बैकवर्ड वैल्यू चेन से जुड़ी संस्थाओं के साथ भी साझेदारी कर सकती हैं।
वे इस स्कीम में स्वेच्छा से भाग ले सकती हैं। अन्य कंपनियां भी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की मंज़ूरी के बाद इसमें भाग ले सकती हैं।
बड़ी खबर! PM Internship Scheme का हिस्सा बनना चाहती है चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था ICAI