आरपावर को पीरामल कैप से झटका

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:39 PM IST

पीरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस पावर और उसकी सहायकों से बकाया वसूलने के लिए उनके खिलाफ एनसीएलटी के मुंबई पीठ में दिवालिया कार्यवाही के लिए आवेदन किया है। पीरामल ने दिवालिया संहिता की धारा 7 के तहत दिवालिया कार्यवाही के लिए आवेदन किया है।
पीरामल कैपिटल की तरफ से सितंबर 2021 में 34,250 करोड़ रुपये में डीएचएफएल के अधिग्रहण से पहले आरएनआरएल ने डीएचएफएल से लिए 526.1 करोड़ रुपये लिए कर्ज भुगतान मेंं चूक की थी। पीरामल कैपिटल ने डीएचएफएल के कई डिफॉल्टर के खिलाफ रिकवरी की कार्यवाही शुरू की है।
इस अधिग्रहण के बाद पीरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस का विलय दीवान हाउसिंग फाइनैंंस कॉरपोरेशन के साथ हो गया और पीरामल कैपिटल सभी डिफॉल्टरों के खिलाफ अदालत का रुख कर रही है। संयोग से पीरामल के बेटे आनंद पीरामल का विवाह अनिल अंबानी की भतीजी और बड़े भाई मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी के साथ हुआ है।
इस साल 27 जनवरी को एनसीएलएटी ने डीएचएफएल के लेनदारों की समिति को डीएचएफएल की रिकवरी वाली 45,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति के लिए पीरामल कैपिटल की तरफ से एक रुपये आंके जाने पर दोबारा विचार करने को कहा था। आरपीएल और आरएनआरएल के खाते इस पोर्टफोलियो का हिस्सा है।
पीरामल की कर्ज समाधान योजना के मुताबिक, डिफॉल्ट वाले ऐसे खातों से भविष्य में होने वाली कोई रिकवरी लेनदारों के पास नहींं जाएगी बल्कि यह पीरामल के पास जाएगी, जिससे डीएचएफएल की एक लेनदार 63 मून्स टेक्नोलॉजिज ने खफा होकर मुकदमा कर दिया। पीरामल ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है और मामला अभी लंबित है। मुंबई की हाउसिंग फाइनैंस कंपनी डीएचएफएल तब धराशायी हो गई जब वह भारतीय लेनदारों का 90,000 करोड़ रुपये कर्ज नहीं चुका पाई और फिर उसे कर्ज समाधान के लिए नवंबर 2019 में एनसीएलटी में भेजा गया।
प्रशासक की तरफ से नियुक्त स्वतंत्र अंकेक्षण फर्म ग्रांट थॉर्नटन के अंकेक्षण में पाया गया कि प्रवर्तकों ने कंपनी की रकम विभिन्न काल्पनिक खाते में भेजे और वह भी बांद्रा मुंबई की एक शाखा से, जिसका अस्तित्व ही नहीं था। सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और कंपनी मामलों का मंत्रालय इन लेनदेनों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं।

First Published : March 21, 2022 | 11:23 PM IST