सार्वजनिक क्षेत्र की आधारभूत परामर्शदाता राइट्स लिमिटेड इस वित्त वर्ष के अंत तक 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर बुक को हासिल करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। कंपनी अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर रही है और उसकी नजर कहीं बड़े ऑर्डर पर है। हालांकि कंपनी का अप्रैल-जून तिमाही में लाभ 91 करोड़ रुपये पर सपाट था।
राइट्स के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राहुल मिथल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को साक्षात्कार में बताया, ‘हमने पिछले वित्तीय वर्ष का अंत 8,800 करोड़ रुपये के अपने अब तक के सबसे बड़े ऑर्डर बुक के साथ किया। इसमें बीती दो तिमाहियों की तुलना में लगभग 3,500 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक बहुत नया है। कुछ महीनों में परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही राजस्व आना शुरू हो जाएगा। संक्षेप में, हमारा ध्यान तेजी से कार्य को पूरा करने पर है।’
यह कंपनी 2,243 करोड़ रुपये की है। यह अपने नॉमिनेशन से डोमिनेशन कंपनी के रूप में बदल रही है। यह हाल ही में ‘एक ऑर्डर-एक दिन’ वाली कंपनी बन गई है और तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने बताया, ‘पहली तिमाही में ‘एक ऑर्डर-एक दिन’ का रुझान कायम था। हम मार्च 2026 की समाप्त पर 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर बुक का लक्ष्य कर रहे हैं। अभी आर्डर बुक 8,800 करोड़ रुपये है। अगर हम कार्य को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो भी ऑर्डर बुक में शुद्ध वृद्धि जारी रहेगी।’ राइट्स को सर्वाधिक राजस्व परामर्श मुहैया कराने से मिला है। कंपनी ने परामर्श मुहैया कराकर सर्वाधिक राजस्व 262 करोड़ रुपये हासिल किया और इसका वृद्धि मार्जिन 32.2 प्रतिशत था। मिथल के अनुसार कार्य को बेहतर ढंग से करने के कारण परामर्श राजस्व में वृद्धि हुई है।