Reliance Industries Demerger: मार्केट कैपिटल के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस (Reliance) के मुखिया मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की नजर फाइनैंशियल सर्विस इंडस्ट्री पर अपना सिक्का जमाने पर है। मुकेश अंबानी देश का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशन बनाने के बेहद करीब हैं। RIL के शेयरधारकों और क्रेडिटर्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Reliance Strategic Ventures) को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
रिलायंस द्वारा 3 मई को बाजार को दी गई फाइलिंग के मुताबिक, डिमर्जर के पक्ष में 100 फीसदी वोट पड़े। अब रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Reliance Strategic Ventures) का नया नाम जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) होगा। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर 2022 में नतीजों के ऐलान के साथ ही फाइनैंशियल सर्विसेज से जुड़ी कंपनी के डिमर्जर का ऐलान किया था। डिमर्जर की मंजूरी के बाद, अब नई कंपनी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है। नई कंपनी को BSE और NSE पर लिस्ट कराया जाएगा।
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फाइनैंशियल सर्विस के डिमर्जर से रिलायंस के शेयरहोल्डर्स की बल्ले-बल्ले हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि डिमर्जर स्कीम के तहत, RIL के शेयरहोल्डर्स को प्रत्येक शेयर के बदले जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का एक शेयर ऑफर किया जाएगा। शेयर बाजार को दी गई फाइलिंग के मुताबिक डिमर्जर के बाद बनी नई कंपनी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के नॉन एग्जीक्यूटिव चैयरमेन के रूप में ICICI बैंक के पूर्व बॉस केवी कामथ को चुना गया है। कंपनी उनके अनुभव का लाभ उठाते हुए NBFC और फिनटेक स्पेस में अपना दबदबा बना सकती है।