करीब एक साल की सुस्ती के बाद वित्तीय सेवा कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) ने डाबर के बर्मन परिवार द्वारा ओपन ऑफर के आवेदन को नियामकों के पास भेज दिया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, आरईएल ने ओपन ऑफर का आवेदन भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सौंप दिया है।
यह कदम पिछले महीने प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) द्वारा इस संबंध में जारी किए गए निर्देशों और सेबी द्वारा प्रबंधन के खिलाफ जून में जारी आदेश के बाद उठाया गया है। सेबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘आरईएल ने ओपर ऑफर के लिए अपना आवेदन सौंप दिया है।
उन्होंने पंचाट के आदेश का पालन किया है।’ सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय में आरईएल की याचिका पर 20 अगस्त को सुनवाई होनी है। इसके बाद ओपन ऑफर लाया जा सकता है, क्योंकि यह मामला अभी विचाराधीन है।
इस संबंध में कंपनी और वित्तीय नियामकों को भेजे ईमेल संदेशों का जवाब नहीं मिला है। इससे पहले, आरईएल ने कहा था कि वह अधिग्रहणकर्ता बर्मन परिवार के ‘फिट एंड प्रॉपर’ स्टेटस के साथ नियामकों के समक्ष खुली पेशकश के लिए आवेदन करेगी।
बर्मन परिवार ने अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश की घोषणा की थी। मौजूदा समय में बर्मन परिवार आरईएल में सबसे बड़ा शेयरधारक है, लेकिन बोर्ड में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। आरईएल की कार्यकारी अध्यक्ष रश्मि सलूजा को पिछले कुछ महीनों में कई नियामकों के गुस्से का सामना करना पड़ा है।
जुलाई में आईआरडीएआई ने उल्लंघन का हवाला देते हुए आरईएल की सहायक इकाई केयर-हेल्थ इंश्योरेंस पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और बीमाकर्ता को एक महीने के भीतर सलूजा को आवंटित 76.6 लाख शेयर वापस खरीदने का निर्देश दिया।