देश की सबसे बड़ी रिटेलर रिलायंस अपने पोर्टफोलियो में फ्यूचर रिटेल के और 250 स्टोर अपने पोर्टफोलियो में जोड़ेगी क्योंकि कंपनी इन आउटलेट्स के पट्टे का भुगतान करने में नाकाम रही। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि योजना कुछ ही हफ्तों के भीतर क्रियान्वित होगी। इससे पहले रिलायंस ने सप्ताहांत में फ्यूचर के बिग बाजार के करीब 200 स्टोर का पजेशन ले चुकी है और उसकी रीब्रांडिंग शुरू कर चुकी है और फ्यूचर को और खोखला बना देगी, जो रिलायंस और एमेजॉन डॉट कॉम के बीच चल रहे संघर्ष के केंद्र में है।
सप्ताहांत में उठाए गए कदमोंं के कारण फ्यूचर का ऑनलाइन व ऑफलाइन सुपरमार्केट परिचालन निलंबित हो गया। रिलायंस का कदम महत्वपूर्ण है क्योंंकि वह साल 2020 से ही फ्यूचर की खुदरा परिसंपत्ति का अधिग्रहण 3.4 अरब डॉलर मेंं पूरा करने की कोशिश में लगी है। अनुबंध के उल्लंघन का हवाला देते हुए फ्यूचर की साझेदार एमेजॉन ने इस लेनदेन पर रोक लगा दी थी। फ्यूचर ने किसी तरह के गलत कदम से इनकार किया है, लेकिन सिंगापुर की आर्बिट्रेटर और भारतीय अदालतों ने अभी तक एमेजॉन के रुख का समर्थन किया है। एमेजॉन भारतीय अदालतों में फ्यूचर की तरफ से स्टोर के हस्तांतरण को चुनौती दे सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। फ्यूचर, एमेजॉन और रिलायंस ने इस बारे में टिप्पणी नहीं की।
फ्यूचर ने शनिवार को स्टॉक एक्सचेंजोंं को बताया था कि कंपनी गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और नुकसान घटाने के लिए अपना परिचालन कम कर रही है। विभिन्न महीनों में रिलायंस ने कर्ज से लदी फ्यूचर के कुछ स्टोर का पट्टा अपने नाम हस्तांतरित करा लिया था और फ्यूचर को किराए पर दे दिया था। अब वह अपने स्टोर का पजेशन ले रही है क्योंकि फ्यूचर ने पट्टे का भुगतान नहीं किया।
बिग बाजार के 200 स्टोर का नियंत्रण लेने के बाद रिलायंस अब आगामी हफ्तों में 250 और स्टोर का परिचालन अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है और उसका इरादा इन स्टोरों की रीब्रांडिंग रिलायंस आउटलेट्स के तौर पर करने का है। सूत्रों ने कहा कि इनमें फ्यूचर के अपैरल आउटलेट्स सेंट्रल और ब्रांड फैक्टरी शामिल हो सकते हैं।