रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाएगी लंबी छलांग

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:42 AM IST

अनिल धीरू भाई अंबानी समूह की बिजली बनाने वाली कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने इंजीनियरिंग और निर्माण कारोबार में अगले 3 साल में अच्छा खासा इजाफा करने की योजना बनाई है।


कंपनी इसके लिए लगभग 28,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात कर रही है।

निवेश के लिए कर्ज

विस्तार की इस योजना में विदेशों में अधिग्रहण भी शामिल हैं। इस कंपनी को पहले रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। कंपनी के निदेशक ललित जालान ने बताया कि निवेश के लिए राशि के 80 फीसद तक हिस्से का इंतजाम ऋण के जरिये किया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘हम अच्छी कीमत पर अच्छी संपत्तियों के बारे में पड़ताल कर रहे हैं।’

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले केवल बिजली बनाने का काम करती थी। लेकिन इसी साल मई में अंबानी ने इसका नाम बदल दिया और उसके बाद से इसने सड़क और हवाई अड्डा निर्माण जैसे क्षेत्रों में भी अपनी गतिविधियां तेज कर दीं। भारत में वैसे भी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कारोबार बढ़ने की असीम संभावनाएं हैं क्योंकि सरकार ने इस क्षेत्र के लिए 2012 तक लगभग 20,000 अरब डॉलर खर्च करने की बात कही है।

विदेशों में भी पींग

लेकिन रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर महज भारतीय परियोजनाओं पर ही निर्भर नहीं कर रही है। उसने विदेशों में पींगें बढ़ाना शुरू कर दिया है। कंपनी अगले 2 महीनों में चीन में भी उपक्रम शुरू करने जा रही है।

हालांकि विश्लेषक इसे कंपनी के लिए मुश्किल बात भी मान रहे हैं। मुंबई के एक विश्लेषक ने कहा, ‘हालांकि कागजों पर तो ये सब बातें बहुत अच्छी लगती हैं, लेकिन परियोजना खत्म होने के बाद ही सफलता का असली सबूत मिलता है। यह कंपनी कई परियोजनाएं हाथ में ले रही है। सभी को आसानी से पूरा किया भी जा सकता है, लेकिन चुनौती तो तगड़ी है।’

कंपनी ने जिन नए निवेशों की बात कही है, वह उसकी इकाई रिलायंस पावर लिमिटेड की ओर से कहे गए 2,800 करोड़ डॉलर के निवेश से इतर है।

साझे उपक्रम

जालान ने बताया कि चीन में हाइड्रोपावर के 40 फीसद उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनी दोंगफांग इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन और वहां की सबसे बड़ी बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी शांघाई इलेक्ट्रिक ग्रुप अंबानी की बिजली परियोजनाओं के लिए आपूर्ति करने वाली हैं। उसकी इकाई रिलायंस पावर भी टर्बाइन, बॉयलर और ट्रांसफॉर्मर बनाने वाली कंपनियों के साथ साझे उपक्रम बना चुकी है।

…बुनियादी ढांचे में है माल

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में दिख रहा है काफी अच्छा कारोबार
देश के अलावा विदेश में भी कंपनी ने कई परियोजनाओं पर गड़ा रखी है नजर
चीन की कई कंपनियों के साथ उसने बिजली और अन्य क्षेत्रों में किए करार

First Published : June 19, 2008 | 11:25 PM IST