facebookmetapixel
AI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ाक्या सच में AI से जाएंगी नौकरियां? सरकार का दावा: जितनी नौकरी जाएगी, उससे ज्यादा आएगीइच्छामृत्यु याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: 13 जनवरी को अभिभावकों से बातचीत करेगा न्यायालयमनरेगा की विदाई, ‘वीबी जी राम जी’ की एंट्री: लोकसभा में नया ग्रामीण रोजगार कानून पासप्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में बिना PSU ईंधन पर रोक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सख्त जांच शुरूभारत-ओमान के बीच समुद्री सहयोग मजबूत, सुरक्षा और व्यापार को लेकर साझा विजन पर सहमतिभारत-ओमान CEPA पर हस्ताक्षर: खाड़ी में भारत की रणनीतिक पकड़ और व्यापार को नई रफ्तार

रिलायंस को ओ2सी कारोबार अलग करने की मंजूरी

Last Updated- December 12, 2022 | 6:22 AM IST

मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) आने वाले कुछ हफ्तों में अपने तेल-रसायन (ओ2सी) कारोबार के लिए नई कारोबारी योजना की घोषणा कर सकती है। ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि आरआईएल शून्य कार्बन उत्सर्जन और हरित रसायन से जुड़ी अपनी तय योजना के अनुरूप यह कदम उठाएगी। कंपनी की ओ2सी इकाई में तेल परिशोधन और पेट्रो-रसायन कारोबार शामिल हैं।
स्टॉक एक्सचेंजों को आज भेजी एक सूचना में आरआईएल ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये विशेष आम बैठक में भाग लेने वाले शेयरधारकों में से 99.99 प्रतिशत ने विभाजन योजना के पक्ष में मतदान किया। रेहन या गिरवी के बदले ऋण देने वाले सभी लोगों और बिना रेहन के कर्ज देने वाले 99.99 प्रतिशत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इस बैठक की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एन श्रीकृष्ण ने की थी।
ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि ओ2सी कारोबार में हिस्सेदारी कम किया जाना महत्त्वपूर्ण है। रेनेसां इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक एवं मुख्य सूचना अधिकारी पंकज मुरारका ने कहा, ‘आरआईएल का यह ओ2सी कारोबार काफी नकदी लाएगा, इसलिए यह देखना अहम होगा कि कंपनी दीर्घ अवधि के लिए कहां निवेश करेगी। हम इस विषय पर कंपनी की टिप्पणी का इंतजार कर रहे हैं।’
फरवरी में कंपनी ने ओ2सी कारोबार को अलग इकाई में बदलने की घोषणा की थी और यह भी कहा था कि वह 2035 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य करना चाहती है। कंपनी ने कहा था कि 25 अरब डॉलर रकम के साथ वह अपने तेल परिशोधन, ईंधन विपणन और
पेट्रो-रसायन (ऑयल-टू-केमिकल) कारोबार को एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर अलग करेगी।
ब्रोकरेज कंपनियों ने कहा कि हरित रसायन तैयार करने की कंपनी की योजना में निवेशकों की खासी दिलचस्पी होगी। मुरारका ने कहा, ‘दुनिया भर में रसायन कंपनियां हरित रसायन की दिशा में भारी निवेश कर रही हैं। समझा जा रहा है कि रिलायंस एक अनूठा हरित रसायन उत्पाद ला सकती है, जो भारत के हरित रसायन उद्योग में बड़ी पहल हो सकती है।’
वर्ष 2019 में आरआईएल ने कहा था कि सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको रिलायंस ओ2सी कारोबार में 15 अरब डॉलर में 20 प्रतिशत हिस्सा खरीदेगी। लेकिन पिछले वर्ष अप्रैल में तेल के दाम गिरने और अरामको के आईपीओ को ठंडी प्रतिक्रिया मिलने के बाद दोनों कंपनियों ने सौदा स्थगित कर दिया।
एक ब्रोकरेज कंपनी के विश्लेषक ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अब कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं और भारत तेल कारोबार के लिहाज से निवेश का आकर्षक बाजार बन गया है। ऐसे में इन दोनों के बीच सौदा बढ़ाना फायदेमंद हो सकता है। भारत में कम से कम अगले 20 वर्षों तक तेल की खपत बढ़ती रहेगी।’

First Published - April 2, 2021 | 11:00 PM IST

संबंधित पोस्ट