कंपनियां

रिलायंस, डिज्नी ने विलय के लिए की चैनल बेचने की पेशकश; मगर क्रिकेट प्रसारण अधिकारों में बदलाव का कर रहे विरोध

भारत की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी बनी तो यह संयुक्त रूप से 120 टीवी चैनलों और दो स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ सोनी, नेटफ्लिक्स और एमेजॉन के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।

Published by
एजेंसियां   
Last Updated- August 13, 2024 | 10:13 PM IST

रिलायंस और वाल्ट डिज्नी ने भारतीय मीडिया परिसंपत्तियों के 8.5 अरब डॉलर के विलय के लिए जल्द एंटीट्रस्ट मंजूरी पाने के लिए कुछ चैनलों को बेचने की पेशकश की है, लेकिन वे अपने स्वामित्व वाले क्रिकेट प्रसारण अधिकारों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं। इस मामले से अवगत दो सूत्रों ने यह जानकारी रॉयटर्स को दी है।

एंटीट्रस्ट विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि फरवरी में घोषित रिलायंस-डिज्नी विलय को व्यापक सख्ती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इससे भारत की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी तैयार हो जाएगी जो संयुक्त रूप से 120 टीवी चैनलों और दो स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ सोनी, जी एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स और एमेजॉन के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।

विलय के बाद गठित कंपनी में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस की बड़ी हिस्सेदारी होगी और इसके अलावा, क्रिकेट के प्रसारण के लिए अरबों डॉलर के अधिकार भी उसके पास होंगे, जिससे मूल्य निर्धारण शक्ति को लेकर आशंकाएं बढ़ेंगी और विज्ञापनदाताओं पर उसकी पकड़ बढ़ेगी।

सूत्रों ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा रिलायंस और डिज्नी से विलय से संबंधित लगभग 100 सवाल निजी तौर पर पूछे जाने के बाद, कंपनियों ने नियामक से कहा है कि वे बाजार की ताकत से जुड़ी चिंताएं दूर करने और शीघ्र मंजूरी हासिल करने के लिए कुछ टीवी चैनल (10 से कम) बेचने को तैयार हैं।

सूत्रों ने बताया कि जिन रियायतों की पेशकश की जा रही है, उनमें से कुछ क्षेत्रीय भारतीय भाषा के चैनलों से संबंधित हैं, जिनमें दोनों कंपनियों का बाजार दबदबा हो सकता है। डिज्नी ने इस बारे में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

First Published : August 13, 2024 | 10:13 PM IST