25 साल में रिलायंस ने की सबसे ज्यादा संपत्ति सृजित

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:38 AM IST

यार्न की ट्रेडिंग से शुरू हुआ रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार पिछले 25 साल में सबसे बड़ा संपत्ति सृजक के तौर पर उभरा है और इस कारोबार ने तेल से दूरसंचार व खुदरा जैसे क्षेत्र में उतरकर अपने कारोबार को आगे बढ़ाया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंंशियल सर्विसेज के सालाना वेल्थ क्रिएशन अध्ययन के मुताबिक, साल 1995 से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 6.3 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति सृजित की। इस अध्ययन का 25वां संस्करण मंगलवार को जारी हुआ। इसकी नजदीकी प्रतिस्पर्धी हिंदुस्तान यूनिलीवर रही, जिसने 4.9 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति सृजित की।
इस बढ़त का ज्यादातर हिस्सा पिछले पांच साल में दर्ज हुआ। अध्ययन में कहा गया है कि 2015 से 2020 के बीच रिलायंस ने संपत्ति में 4.4 लाख करोड़ रुपये जोड़े। अध्ययन में कहा गया है, इन्फोसिस और बजाज फाइनैंस जैसी कंपनियां भी सबसे तेज व सबसे ज्यादा संपत्ति सृजन करने वाली सूची में शामिल है।
इसमें कहा गया है, 1995 से 2000 के बीच सेंसेक्स मार्च 1995 के 3,200 के स्तर से मार्च 2020 में 29,500 पर पहुंच गया, यानी उसकी सालाना चक्रवृद्धि रफ्तार 9.2 फीसदी रही। संयोग से 100 कंपनियों ने 9.2 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया। हम इन 100 कंपनियों को सबसे तेज संपत्ति सृजक का दर्जा देंगे।
सबसे तेज संपत्ति सृजक 20 अग्रणी कंपनियों ने हर साल 20 फीसदी के बराबर रिटर्न दिया। इनमें आईटी कंपनी इन्फोसिस शामिल है, जिसकी शेयर कीमतों में हर तिमाही 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इसमें पिडिलाइट इंडस्ट्रीज और आयशर मोटर शामिल है। अन्य कंपनियां हैं बर्जर पेंट्स इंडिया और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज।
ऐसी ही उपभोक्ता कंपनियों का पिछले 25 साल में संपत्ति सृजन में अहम योगदान रहा। इस क्षेत्र ने संपत्ति सृजन में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का योगदान किया। इसके बाद तेव व गैस क्षेत्र का स्थान रहा, जिसने 6.9 लाख करोड़ रुपये का योगदान किया।
तेज संपत्ति सृजन वाली कंपनियों को उनकी आय गुणक में विस्तार का फायदा मिला। साल 1995 में निवेशक पिडिलाइट के एक शेयर के लिए उनके सालाना लाभ का 20 गुना देने के इच्छुक थे। साल 2020 में वे आय का 50 गुना देने को तैयार हैं। श्री सीमेंट की आय गुणक इस दौरान 9 से 41 हो गई।
आय में बढ़ोतरी शेयर कीमतों में बढ़ोतरी केतौर पर प्रतिबिंबित होती नजर आई। बाजार को मात देने वाली 100 अग्रणी कंपनियों की आय में पिछले 25 साल में 17 फीसदी सालाना की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई। शेयर कीमतें साल 1995 से 17 फीसदी बढ़ी है। 25 अग्रणी शेयरों ने हालांकि और बेहतर किया। उनके शेयर की कीमतें 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि आय में 22 फीसदी की उछाल आई।

First Published : December 22, 2020 | 11:54 PM IST