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Green Certified Office: ए ग्रेड ऑफिस स्पेस स्टॉक में अब 65 फीसदी ग्रीन सर्टिफाइड

Vestian Research की रिपोर्ट के अनुसार 7 प्रमुख शहरों में 88.85 करोड़ वर्ग फुट ए ग्रेड ऑफिस के कुल स्टॉक में से 57.77 करोड़ वर्ग फुट ग्रीन सर्टिफाइड हैं।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- July 16, 2024 | 4:24 PM IST

भारत में ग्रीन सर्टिफाइड (green-certified) ए ग्रेड ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ रही है। जिससे अब इन ऑफिस की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है। ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस की सबसे अधिक हिस्सेदारी चेन्नई में बढ़ी है। इसके बाद दूसरा नंबर एनसीआर के मार्केट का है। ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस बिल्डिंग का किराया भी अधिक रहता है।

ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस की हिस्सेदारी बढ़कर कितनी हुई?

Vestian Research की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 7 प्रमुख शहरों में ए ग्रेड ऑफिस के कुल स्टॉक में ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस की हिस्सेदारी बढ़कर अब 65 फीसदी हो गई है। इस समय 7 प्रमुख शहरों में ए ग्रेड ऑफिस का कुल स्टॉक 88.85 करोड़ वर्ग फुट है। इनमें से 57.77 करोड़ वर्ग फुट यानी 65 फीसदी ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस हैं। देश में 1,362 ए ग्रेड बिल्डिंग में से 805 यानी 59 फीसदी बिल्डिंग ग्रीन सर्टिफाइड हैं। जो भारत की टिकाऊ निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 5 लाख वर्ग फुट से कम बिल्ड-अप एरिया वाली 47 फीसदी बिल्डिंग ग्रीन सर्टिफाइड हैं। 10 लाख वर्ग फुट से अधिक बिल्ड-अप वाली 19 फीसदी ऑफिस बिल्डिंग ही ग्रीन सर्टिफाइड है। एक लाख वर्ग फुट से कम बिल्ड-अप वाली ऑफिस बिल्डिंग में ग्रीन सर्टिफिकेट बहुत ही कम हैं।

किस शहर में कितनी हिस्सेदारी?

Vestian Research के मुताबिक भारत में ऑफिस मार्केट के लिए 7 प्रमुख शहरों में ए ग्रेड ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस की सबसे अधिक 83 फीसदी हिस्सेदारी चेन्नई में है। चेन्नई में ए ग्रेड ऑफिस के कुल स्टॉक 8.26 करोड़ में 6.83 करोड़ वर्ग फुट ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस का स्टॉक है। इसके बाद एनसीआर के 12.97 करोड़ स्टॉक में से 70 फीसदी 9 करोड़ वर्ग फुट स्टॉक ग्रीन सर्टिफाइड है। ऑफिस स्पेस के सबसे बड़े मार्केट बेंगलूरु के कुल 27 करोड़ वर्गफुट स्टॉक का 64 फीसदी हिस्सा ग्रीन सर्टिफाइड है। हैदराबाद के कुल आफिस स्टॉक में ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस की हिस्सेदारी 63 फीसदी, कोलकाता में यह 62 फीसदी, मुंबई में 61 फीसदी, जबकि पुणे में यह सबसे कम 56 फीसदी है।

ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस का किराया भी अधिक

Vestian Research की इस रिपोर्ट के अनुसार ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस बिल्डिंग के किराये पर बिना ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग से 12 से 14 फीसदी प्रीमियम अधिक रहता है। जो बिल्डरों को इन बिल्डिंग को बनाने में निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है। बेंगलुरु 23 से 25 फीसदी प्रीमियम के साथ सबसे आगे है। चेन्नई और हैदराबाद में यह प्रीमियम क्रमशः 12 से 14 फीसदी और 13 से 15 फीसदी है। मुंबई और पुणे में डेवलपर ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग के लिए बिना ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग की तुलना में 8 से 12 फीसदी प्रीमियम लेते हैं। कंपनियां पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने और कर्मचारियों की भलाई को बढ़ाने के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार रहती हैं।

First Published : July 16, 2024 | 4:24 PM IST