रियल एस्टेट

ग्लोबल उद्यमियों का भारत में जोर, अगले दो साल में जीसीसी लीजिंग में होगी 15 से 20% वृद्धि

कुल ऑफिस स्पेस में जीसीसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक होने की संभावना है। जिससे रियल एस्टेट में अवसर खुलेंगे, उच्च-गुणवत्ता वाले स्थानों की मांग बढ़ेगी।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- September 17, 2025 | 3:14 PM IST

वैश्विक उद्यमी भारत में विस्तार कर रहे हैं। जिससे भारतीय रियल एस्टेट में उछाल देखा जा रहा है। वैश्विक उद्यमी के भारत में जोर देने से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के अगले कुछ सालों में तेज वृद्धि करने की संभावना है। बीते वर्षों के दौरान भी जीसीसी ने भारत के शीर्ष शहरों में रिकॉर्ड लेन-देन किया है। कुल ऑफिस लीजिंग में इनकी हिस्सेदारी कुछ साल पहले जो घट गई थी, अब वो फिर से तेजी से बढ़ गई है। जीसीसी में अमेरिकी फर्मों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। हालांकि अन्य देशों की कंपनियां भी भारत में विस्तार कर रही हैं।

दो साल में तेजी से बढ़ेंगे जीसीसी

संपत्ति सलाहकार फर्म कॉलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अगले दो साल के दौरान जीसीसी के तेजी से बढ़ने की संभावना है। कॉलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (ऑफिस सर्विसेज) अर्पित मेहरोत्रा कहते हैं कि अगले दो वर्ष में भारत के प्रमुख 7 शहरों में जीसीसी लीजिंग 600 से 650 लाख वर्ग फुट होने का अनुमान है, जो पिछले दो साल की अवधि की तुलना में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि है।

साथ ही कुल ऑफिस स्पेस में जीसीसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक होने की संभावना है। जिससे रियल एस्टेट में अवसर खुलेंगे, उच्च-गुणवत्ता वाले स्थानों की मांग बढ़ेगी। साथ ही भारत के ऑफिस मार्केट की महत्वपूर्ण विकास इंजन के रूप में भूमिका और मजबूत होगी।

Trends in GCC leasing

Year Office Leasing (msf) GCC Leasing (msf) GCC Share in office leasing (%)
2021 33.0 13.2 40%
2022 50.3 14.7 29%
2023 58.2 18.2 31%
2024 67.2 25.7 38%
2025E ~70.0 28.0 40%
2026F 70-75 29-32 >40%
2027F 75-85 32-34 >40%

Source: Colliers

अब तक कैसा रहा जीसीसी का प्रदर्शन?

पिछले 4 साल के दौरान जीसीसी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कॉलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 से भारत के शीर्ष सात शहरों में करीब 10 करोड़ वर्ग फुट ऑफिस स्पेस जीसीसी के माध्यम से लीज पर दिए गए। जिससे अधिकांश शहरों में रिकॉर्ड तोड़ लेनदेन हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में जीसीसी की मांग में मजबूत गति आई है, जिससे वैश्विक कॉरपोरेट्स द्वारा जीसीसी लीजिंग गतिविधि 2025 में 280 वर्ग फुट को छूने का अनुमान है, जो 2021 की तुलना में लगभग दोगुनी है। कुल ऑफिस लीजिंग में जीसीसी की हिस्सेदारी 2022 में घटकर 30 फीसदी से कम हो गई थी, वह 2025 में तेजी से बढ़कर लगभग 40 फीसदी होने की संभावना है।

प्रौद्यागिकी की हिस्सेदारी घटी, बीएफएसआई व इंजीनियरिंग की बढ़ी

कुछ साल पहले तक जीसीसी में प्रौद्योगिकी क्षेत्र का दबदबा था। लेकिन अब यह कम हो रहा है और इसके साथ ही बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा), इंजीनियरिंग व मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, कंसल्टिंग जैसे क्षेत्रों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि सबसे अधिक हिस्सेदारी अभी भी प्रौद्योगिकी की ही है। कॉलियर्स इंडिया की इस रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 73 लाख वर्ग फुट लीजिंग के साथ कुल जीसीसी लीजिंग में प्रौद्योगिकी की सबसे अधिक 55 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो 2025 में घटकर 36 फीसदी रह गई है। हालांकि मांग अभी भी सबसे अधिक 100 लाख वर्ग फुट बनी हुई है। वहीं इस अवधि के दौरान बीएफएसआई की हिस्सेदारी 15 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी, इंजीनियरिंग व मैन्युफैक्चरिंग की 11 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी, हेल्थ केयर की 2 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी और कंसल्टिंग की 3 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी हो गई है।

Sectoral trends in GCC leasing

Sectors 2021 2025E Growth in transaction volume (2025E vs 2021)
GCC Leasing (msf) Share in total GCC leasing (%) GCC Leasing (msf) Share in total GCC leasing (%)
Technology 7.3 55% 10.0 36% 1.4X
BFSI 2.0 15% 7.5 27% 3.8X
Engineering & Manufacturing 1.4 11% 4.7 17% 3.4X
Healthcare 0.4 2% 2.3 8% 5.8X
Consulting 0.3 3% 1.4 5% 4.7X
Others 1.8 14% 2.1 8% 1.2X
Total 13.2 100% 28.0 100% 2.1X

Source: Colliers 

अमेरिकी फर्मों की हिस्सेदारी लगभग 70 फीसदी

भारत के शीर्ष सात शहरों में जीसीसी की मांग में अमेरिका स्थित कंपनियों का पारंपरिक रूप से नेतृत्व रहा है और 2021 से कुल जीसीसी लीजिंग में इनका योगदान लगभग 70 फीसदी रहा। इस प्रभुत्व को वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गजों और फॉर्च्यून 500 फर्मों द्वारा भारत में अपनी ऑफशोर कैप्टिव व्यावसायिक इकाइयां स्थापित करने के कारण बल मिला है।

दिलचस्प बात यह है कि हाल के वर्षों में यूके, ईएमईए और एशिया-प्रशांत क्षेत्रों की जीसीसी कंपनियों ने भी अपना विस्तार कर भारत में अपनी उपस्थिति को लगातार मजबूत किया है। 2025 में जीसीसी द्वारा अनुमानित 280 लाख वर्ग फुट लीजिंग में से लगभग 10 फीसदी जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि जैसे एशिया-प्रशांत देशों की वैश्विक कंपनियों से आने की संभावना है।

जीसीसी लीजिंग में शहरों में बेंगलूरु और हैदराबाद का दबदबा

कॉलियर्स इंडिया के मुताबिक बेंगलूरु और हैदराबाद ने 2021 से अब तक 6 करोड़ वर्ग फुट से ज्यादा जीसीसी लीजिंग के साथ भारत के अग्रणी जीसीसी केंद्रों के रूप में अपनी पहचान बनाई है। दोनों शहरों ने 2021-2025 की अवधि के दौरान कुल जीसीसी मांग का 60 फीसदी से ज़्यादा हिस्सा हासिल किया है। इस बीच, चेन्नई में 2021 के स्तर की तुलना में 2025 में जीसीसी लीजिंग में 5.3 गुना वृद्धि होने का अनुमान है, जो सभी शहरों में सबसे ज्यादा है। किफायती किराये के कारण खासकर आसपास के इलाकों में चेन्नई कम लागत चाहने वाले ग्राहकों को आकर्षित करता रहता है।

बेंगलूरु न केवल प्रौद्योगिकी जीसीसी के लिए, बल्कि वैश्विक इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग फर्मों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। दूसरी ओर, मुंबई को फ्रंट-एंड बीएफएसआई कंपनियों का पसंदीदा माना जाता है, जबकि पुणे प्रमुख वित्तीय संस्थानों को खासकर सहायक सेवा संचालन के लिए आकर्षित करता है। पूर्व में कोलकाता उस क्षेत्र में उपस्थिति की इच्छा रखने वाली प्रौद्योगिकी और कंसल्टिंग जीसीसी के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बन गया है।

City-wise trends in GCC leasing

Cities 2021 2025E Transaction volume (2025E vs 2021)
GCC Leasing (msf) Share in total GCC leasing (%) GCC Leasing (msf) Share in total GCC leasing (%)
Bengaluru 4.6 35% 10.6 38% 2.3X
Chennai 0.9 7% 4.8 17% 5.3X
Delhi NCR 2.0 15% 4.6 16% 2.3X
Hyderabad 3.7 28% 5.2 19% 1.4X
Kolkata Negligible Negligible 0.4 1% N.A.
Mumbai 0.9 7% 1.4 5% 1.6X
Pune 1.1 8% 1.0 4% 0.9X
Total 13.2 100% 28.0 100% 2.1X
First Published : September 17, 2025 | 3:13 PM IST