पीएसएमसी की भारत पर नजर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:22 PM IST

ताइवान की तीसरी सबसे बड़ी फैब कंपनी पारवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) भारत में आने का मौका तलाश रही है। सूत्रों के मुताबिक इसने संभावित गठजोड़ के लिए भारतीय कंपनियों के साथ शुरुआती बातचीत की हैं।  यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि वैश्विक फाउंड्री कंपनियों की सरकार की हाल में घोषित सेमीकंडक्टर नीति में रुचि बढ़ रही है। इस नीति में देश में कम से कम दो फैब प्लांट स्थापित करने के लिए वैश्विक फैब कंपनियों को आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन देने का वादा किया गया है। कंपनी के प्रेसिडेंट ऑफिस  के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्टिन चू सरकारी अधिकारियों की अगुआई वाले ताइवानी प्रतिनिधिमंडल के तहत भारत आए हुए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने 22 अगस्त से अपना भारत दौरा शुरू किया है। हालांकि चू ने भारत को लेकर अपनी योजनाओं के बारे में एक ईमेल का जवाब नहीं दिया। 

इस उद्योग पर नजर रखने वाली ट्रेंडफोर्स के आंकड़ों के मुताबिक पीएसएमसी का वर्ष 2021 में 107 अरब डॉलर के वैश्विक फाउंड्री बाजार में 2 फीसदी हिस्सा था। यह निस्संदेह दिग्गज वैश्विक कंपनी टीएसएमसी से काफी छोटी कंपनी है, जिसकी वैश्विक फाउंड्री बाजार में 53 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद यूएमसी का स्थान है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 7 फीसदी है। इस उद्योग की एक अन्य ताइवानी कंपनी वीआईएस है। वैश्विक फाउंड्री बाजार में ताइवान की 64 फीसदी हिस्सेदारी है। 

पीएसएमसी की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के 8 इंच के दो और 12 इंच के तीन फैब संयंत्र हैं, जिनमें 6,900 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी की सबसे ज्यादा बिक्री घरेलू बाजार में और उसके बाद एशिया में होती है।  भारत की सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजना पहले ही तीन कंपनियों को लुभा चुकी है, जिन्होंने फैब संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव दे दिए हैं। इनमें ताइवान की ठेके पर विनिर्माता फोक्सकॉन के साथ वेदांत, भारत स्थित नेक्स्ट ऑर्बिट की अगुआई वाला कंसोर्टियम आईएसएमसी, जिसकी तकनीक लाइसेंस साझेदार आईएमईसी है। नेक्स्ट ऑर्बिट का टावर कॉरपोरेशन इजरायल के साथ करार है, जिसे इंटेल और सिंगापुर की आईजीएसएस ने अधिग्रहीत कर लिया है। सरकार ने फैब संयंत्र की 50 फीसदी निवेश लागत मुहैया कराने की पेशकश की है। इसने सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए 10 अरब डॉलर की राशि रखी है। 

सरकार के साथ बैठकों और भारत की सेमीकंडक्टर नीति पर प्रस्तुति के अलावा ताइवानी प्रतिनिधिमंडल की अस्थायी योजना में सेमीकंडक्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट एससीएल का दौरा करना, गुजरात की धोलेरा स्मार्ट सिटी में ठहराव और राज्य सरकार के अधिकारियों से मिलना शामिल है। उनके मुंबई में टाटा समूह और जेएसडब्ल्यू समूह के अधिकारियों से भी मिलने के आसार हैं। सरकार देश में आने और संयंत्र स्थापित करने की इच्छुक सेमी कंडक्टर इकाइयों के लिए भारत को घरेलू एवं निर्यात के बहुआयामी बाजार के रूप में स्थापित कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वे अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं, जिन्होंने बड़े प्रोत्साहन पैकेज दिए हैं। उदाहरण के लिए अमेरिका 53 अरब डॉलर का पैकेज दे रहा है। घरेलू खपत एवं निर्यात के लिए भारतीय बाजार को आकर्षक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। 

First Published : August 23, 2022 | 10:15 PM IST