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शहरों में सर्विस आउटलेटों पर दबाव नहीं, हो रहा पूरा उपयोग: नलिनीकांत गोलागुंटा

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने घरेलू बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 20.4 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज करते हुए इस रुझान को दरकिनार किया है।

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दीपक पटेल   
Last Updated- September 15, 2024 | 10:30 PM IST

देश में कई प्रमुख कार विनिर्माता मंदी से जूझ रहे हैं। लेकिन महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने घरेलू बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 20.4 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज करते हुए इस रुझान को दरकिनार किया है। उसकी बिक्री अप्रैल से अगस्त की अवधि में बढ़कर 2,09,148 तक हो गई है। एमऐंडएम के वाहन अनुभाग के मुख्य कार्य अ​धिकारी नलिनीकांत गोलागुंटा ने दिल्ली में दीपक पटेल को बातचीत में बताया कि अपने सर्विस आउटलेटों पर बढ़ते बोझ से निपटने के लिए एमऐंडएम उत्पादकता बढ़ा रही है, बे क्षमता का विस्तार कर रही है और रिमोट सॉफ्टवेयर अपडेट जारी कर रही है। प्रमुख अंश …

पिछले कुछ महीनों के दौरान कुल यात्री मांग में कमी आई है। अलबत्ता एमऐंडएम और टोयोटा जैसी कंपनियां वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। क्या आपको लगता है कि अगले साल भी वृद्धि की यह रफ्तार जारी रहेगी?

हमने अनुमान लगाया है कि इस साल यूवी (यूटिलिटी व्हीकल) श्रेणी के भीतर हम 13 से 19 प्रतिशत के बीच में मध्य से अ​धिक स्तर की वृद्धि देखेंगे। त्योहारी सीजन हमारे लिए अपेक्षाकृत अच्छा रहने की उम्मीद है। हमारे मामले में ​अ​धिक आधार का असर भी इस साल के आ​खिर में खत्म होने की कगार पर आ सकता है, लेकिन इससे पूरे अनुमान पर असर पड़ने वाला नहीं है।

आप अपने खुदरा चैनल का विस्तार किस तरह करना चाहते हैं?

मैं इस सवाल को दो भागों में बांटना चाहता हूं। एक बिक्री खुदरा चैनल है और फिर एक सेवा नेटवर्क चैनल है। यह भी काफी महत्वपूर्ण है, खास तौर पर एक्सयूवी 3एक्सओ (जिसे अप्रैल में पेश किया गया) जैसे मॉडल के लिए। इस बात की काफी संभावना है कि 3एक्सओ ग्राहक की मुख्य कार होगी। इसलिए सर्विस उसी दिन की जानी चाहिए।

इस वजह से हम किसी भी शहरी क्षेत्र में अपने बड़े ग्राहक आधार के पांच से सात किलोमीटर के दायरे में मौजूद रहने के लिए काम कर रहे हैं। हम इस साल लगभग 150 से 200 आउटलेट (खुदरा के साथ-साथ सर्विस आउटलेट) जोड़ेंगे और पिछले साल के मुकाबले इनकी संख्या लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ाएंगे। अभी कंपनी के पास 1,370 बिक्री आउटलेट और 1,100 सर्विस वर्कशॉप हैं।

कुछ ऐसे वाहन विनिर्माता, जिनकी बिक्री पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है, उन्हें अब अपने सर्विस नेटवर्क पर दबाव दिख रहा है। क्या आप भी वह दबाव देख रहे हैं? या यह विस्तार बस वह दबाव कम करने के लिए है?

मैं इसे दबाव नहीं कहूंगा। लेकिन हम यह देखने लगे हैं कि सर्विस वर्कशॉप की क्षमताओं का पूरा उपयोग किया जाने लगा है। हम दो-तीन काम करने की कोशिश कर रहे हैं। पहला है उत्पादकता बढ़ाना और दूसरा है मौजूदा वर्कशॉप में बे क्षमता का विस्तार । तीसरा, 3एक्सओ और थार रॉक्स जैसे नए वाहनों के मामले में ग्राहक को डीलरों के पास बार-बार आने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनका सॉफ्टवेयर अपडेट ऑन एयर (​दूरस्थ स्थान से) प्रदान किया जाएगा।

क्या आपने इस बात का आकलन किया है कि अगर आप सर्विस वर्कशॉप में ये व्यव​स्था प्रदान करेंगे, तो ग्राहकों के आने की संख्या में कितने प्रतिशत की कमी आएगी?

ग्राहकों की तुलना में होने वाली गिरावट की भरपाई बिक्री में वृद्धि से हो जाएगी। यह जरूरी नहीं है कि हम सर्विस के लिए आने वाले ग्राहकों की कुल संख्या में​ गिरावट पर विचार करें क्योंकि डीलर का कारोबार भी उसी पर निर्भर करता है। अलबत्ता हम इस बात पर नजर रख रहे हैं कि कोई ग्राहक वास्तव में कितनी बार शोरूम आता है और हम इसे दो अंकों (प्रतिशत) की दर से कम करना चाहते हैं।

सर्विस वर्कशॉप का पूरा उपयोग आप कहां देख रहे हैं?

बड़े शहरी क्षेत्रों में। बेंगलूरु, दिल्ली, मुंबई में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां आप इन्हें ज्यादा संख्या में उभरता देखते हैं। ऐसा इसलिए कि वहां वाहनों की संख्या बढ़ रही है। ब्रांड के तौर पर हम वास्तव में पहले से बहुत आगे निकल आए हैं। हमारी कुछ शहरी मौजूदगी थी, लेकिन हम मुख्य रूप से ग्रामीण इलाके वाले ब्रांड थे। थार, एक्सयूवी700, स्कॉर्पियो वगैरह की शुरुआत के बाद हम वास्तव में अगले स्तर पर पहुंच गए हैं। हमारे वाहन अब दिल्ली और मुंबई के सबसे शानदार इलाकों में देखे जा सकते हैं। इसलिए हम वहां (सर्विस वर्कशॉप का पूरा उपयोग) देखते हैं और यहीं पर निवेश किया जा रहा है।

क्या कंपनी अपना पूरा ध्यान एसयूवी पर रखना चाहती है या वह एमपीवी जैसी नई श्रेणी में जाना चाहेगी?

हमने चार से पांच साल पहले अपनी रणनीति बदल ली और हमने उस पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें हम वास्तव में बेहतर थे। एसयूवी मूल रूप से हमारे डीएनए में है। बाजार भी उस क्षेत्र में आगे बढ़ गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम अन्य क्षेत्रों को खारिज कर देंगे। निश्चित रूप से हमारे पास क्षमताएं हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उस क्षेत्र में मैदान मार सकते हैं?

First Published : September 15, 2024 | 10:30 PM IST