अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर कंसोर्टियम आईएसएमसी चिप निर्माण संयंत्र लगाने के लिए कर्नाटक में करीब 3 अरब डॉलर (22,900 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा। कर्नाटक सरकार ने रविवार को इस राज्य में किए जाने वाले इस निवेश की पुष्टि की है। यह निवेश 65एनएम अनालॉक सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र के लिए किया जाएगा।
आईएसएमसी ने मैसूर के कोचाहल्ली औद्योगिक इलाके में 150 एकड़ भूमि की मांग की है। यह भारत सरकार द्वारा स्वीकृति परियोजना के संदर्भ में केंद्र सरकार के इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन के तहत देश का पहला और सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्रों में से एक होगा। इस परियोजना से नजदीक के इलाके में 1,500 परोक्ष और करीब
10,000 अपरोक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र में संबद्घ सेमीकंडक्टर तंत्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
आईटी, बीटी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. ई वी रमना रेड्डी और आईएसएमसी के निदेशक अजय जालान ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
बोम्मई ने कहा, ‘यह समझौता सेमीकंडक्टर फैब आकर्षित करने के लिए विभिन्न राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता है।’ अपने कार्यालय में आईएसएमसी टीम से मुलाकात करने वाले बोम्मई ने कहा, ‘कर्नाटक यह समझता है कि यह न सिर्फ वित्तीय रियायत है बल्कि अनुकूल इकोसिस्टम की उपलब्धता है और परिचालन को सुगम बनाना भी महत्वपूर्ण है। हमारे पास देश में श्रेष्ठ इन्फ्रास्ट्रक्चर में से एक है और पर्याप्त कुशल प्रतिभाएं मौजूद हैं।’
टावर सेमीकंडक्टर इस परियोजना की मुख्य प्रौद्योगिकी भागीदार है और शुरू में इसे नेक्स्ट ऑर्बिट वेंचर्स फंड (एनओवीएफ) द्वारा वित्त पोषित किया गया था। आईएसएमसी कंसोर्टियम सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए केंद्र सरकार के 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज के लिए तीन आवेदकों में से एक है।
आईएसएमसी अबू धाबी स्थित नेक्स्ट ऑर्बिट वेंचर्स और इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर के बीच संयुक्त उपक्रम है। अमेरिकी चिप निर्माता इंटेल कॉर्प ने टावर खरीदने की घोषणा की है।
बोम्मई ने कहा, ‘राज्य के तौर पर, हम न सिर्फ व्यवसायों के लिए एंट्री बैरियर घटाने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि जरूरत पडऩे पर उन्हें व्यवसाय से बाहर निकलने की प्रक्रिया आसान बनाने पर भी जोर दे रहे हैं। मजबूत नीतियों के साथ प्रतिबद्घ टीम, श्रेष्ठ इन्फ्रास्ट्रक्चर, और प्रतिभाशाली श्रमिकों की तेजी से बढ़ रही संख्या के साथ कर्नाटक प्रमुख निवेश स्थान बनने की राह पर है।’
उच्च शिक्षा राद्यज्य मंत्री डॉ. सी एन अश्वत नारायण ने कहा कि कर्नाटक में सेमीकंडक्टर उत्पादन से राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘हम यहां निर्माण इकाइयां लगाने में वैश्विक कंपनियों को मदद मुहैया कराने के लिए उत्साहित हैं।’
डॉ. ई वी रमना रेड्डी ने कहा कि सेमीकंडक्टर में भारतीय निवेश में आई तेजी वैश्विक मांग के अनुरूप है।
रेड्डी ने कहा, ‘हमने आईएसएमसी के लिए निवेश स्थान के तौर पर मैसूर में इलेक्ट्रॉनिक एवं सिस्टम्स डिजाइन क्लस्र का सुझाव दिया है।’