ब्लूमबर्ग का अनुमान है कि मुकेश अबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) 2022-23 की तीसरी तिमाही में मिश्रित आंकड़े दर्ज कर सकती है।
विश्लेषकों के अनुसार RIL की तीसरी तिमाही की आय अगले सप्ताह घोषित की जाएगी और कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों के लिए खुलासा किया जाना अभी बाकी है।
यूबीएस, मॉर्गन स्टैनली, सीएलएसए, और गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का मानना है कि तीसरी तिमाही की आय RIL के दूरसंचार और रिटेल व्यवसायों पर केंद्रित रहेगी, जबकि तेल-रसायन (ओ2सी) खंड में तिमाही आधार पर सुधार पर कुछ हद तक ईंधन निर्यात करों और कमजोर पेट्रोरसायन मार्जिन का प्रभाव पड़ेगा।
अक्टूबर और दिसंबर 2022 के बीच कच्चे तेल की औसत कीमत 88 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी। ब्लूमबर्ग के आंकड़े से पता चलता है कि यह जुलाई-सितंबर (2022) की अवधि में औसत कच्चे तेल कीमत की तुलना में 11 प्रतिशत कम थी। एक साल पहले कच्चे तेल की औसत कीमत 79 डॉलर प्रति बैरल थी।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों से संकेत मिला है कि आरआईएल तीसरी तिमाही में शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर दो अंक (25.7 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज कर सकती है। यह बढ़कर 2.32 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। हालांकि तिमाही आधार पर, शुद्ध बिक्री वृद्धि सिर्फ 1.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।
दूसरी तरफ, कर-बाद लाभ (पीएटी) तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर करीब 10 प्रतिशत घटकर 16,759 करोड़ रुपये रह सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि तिमाही आधार पर, शुद्ध मुनाफा वृद्धि करीब 23 प्रतिशत रहेगी, क्योंकि ओ2सी में तीसरी तिमाही के दौरान ऊर्जा बाजारों में पैदा हुई अस्थिरता दूर होने से मदद मिली है।
इस बीच, एबिटा सालाना आधार पर मामूली घटकर 33,591 करोड़ रुपये रह सकता है। वहीं तिमाही आधार पर, एबिटा में गिरावट करीब 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
RIL का करीब 60 प्रतिशत राजस्व ओ2सी व्यवसाय से हासिल होता है, जिसमें रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, और रिटेल ईंधन शामिल हैं। इस व्यवसाय का कंपनी के एबिटा में 50 प्रतिशत योगदान है। वहीं रिटेल और दूरसंचार का कंपनी के राजस्व में 34 प्रतिशत और एबिटा में करीब 45 प्रतिशत योगदान है।
यूबीएस के विश्लेषकों अमित रुस्तगी, नवीन किल्ला, और रिभु एवन ने आरआईएल पर अपनी 3 जनवरी की रिपोर्ट में कहा गया कि सकल रिफाइनिंग मार्जिन तिमाही आधार पर मामूली बढ़ा है। उन्होंने कहा है, ‘हमारा मानना है कि निवेशक स्टोरों के तेज विस्तार, ई-बी2बी राजस्व वृद्धि, और निजी लेबलों से रिटेल व्यवसाय की राजस्व वृद्धि की संभावना का लाभ नहीं उठा रहे हैं।’
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों अर्णब मित्रा और रैंडी लाउ ने कहा है कि वे RIL पर सकारात्मक बने हुए हैं। उनका कहना है, ‘पेट्रोकेम मार्जिन वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सुधरने की संभावना है। हमें चौथी तिमाही से इसमें लगातार धीरे धीरे सुधार आने का अनुमान है, क्योंकि चीन में हालात सामान्य होने से तेल कीमतों को मदद मिल रही है। इसके अलावा, ओमनीचैनल रणनीति पर केंद्रित रिटेल में दीर्घावधि वृद्धि से मदद मिलेगी।’