करीब 60 हजार करोड़ रुपये के भारतीय पर्यटन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और खुद के लिए विकल्प तलाशने की कवायद में ऑनलाइन पोर्टल कंपनियों ने विलय और अधिग्रहण की राह चुनी है।
पोर्टल कंपनियां इस तरीके से दो निशाने एक साथ साधने की कोशिश कर रही हैं। पहला मंदी के दौर से निपटना और अक्टूबर से इन कंपनियों को 5 फीसदी की कमीशन न मिलने की स्थिति में विकल्प की तलाश। इस कवायद में कॉक्स एंड किंग्स की ऑस्ट्रेलियन कंपनी टेंपो हॉलीडे का अधिग्रहण करने की खबर है, जिसके यूरोप, पश्चिम एशिया, लैटिन अमेरिका और भारत में अच्छा खासा कस्टमर बेस है।
इस बारे में उद्योग सूत्रों के मुताबिक कॉक्स एंड किंग्स ने आईपीओ से पूंजी जुटाने के लिहाज से नियामक सेबी के समक्ष आवेदन किया है, जिसे सितंबर तक अनुमति मिलने की उम्मीद है। इस संभावित अधिग्रहण के बारे में कंपनी के सीईओ पीटर केरकर का कहना है कि हम अपनी वैश्विक पहचान बनाना चाहते हैं और पश्चिमी देशों में भी टेंपो हॉलीडे के व्यापक नेटवर्क के इस्तेमाल के जरिए अपनी पैठ को मजबूत करना चाहते हैं। इस कंपनी के अलावा इस दौड़ में ट्रैवलगुरु, एक्सपीडिया और क्लियरट्रिप भी हैं।
इस बारे में ट्रैवलगुरु के प्रॉडक्ट ऐंड मार्केट डिविजन के हरि वी. कृष्णन का कहना है कि अभी हमारे और एक्सपीडिया के बीच अधिग्रहण की बात चल रही है और हमारी कोशिश होगी कि हम कुछ सार्थक नतीजे निकाल सकें। हालांकि इस अधिग्रहण के बारे में सूत्रों का कहना है कि एक्सपीडिया ट्रैवलगुरु में 51 फीसदी की हिस्सेदारी चाहता है। बात जहां तक क्लियरट्रिप की जाए तो इस कंपनी के सीईओ संदीप मूर्ति का कहना है कि इस वक्त कंपनियों के वैल्यूएशन कम होने के कारण अधिग्रहण एक मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है।
वैसे हम अपना ध्यान ब्रिकी एवं मोर्टार एजेंसियों के अधिग्रहण पर केंद्रित कर रहे हैं। इस बारे में एक पर्यटन विश्लेषक का कहना है कि अब इस प्रकार की कंपनियां अपने डाइवर्सिफिकेशन पर काम कर रही हैं। ताकि उनके खाते में ज्यादा में ज्यादा ग्राहक आ सकें।
साथ ही टीयर टू एवं टीयर थ्री स्तर के शहरों के मध्य वर्ग की क्रय क्षमता ज्यादा होने के कारण उन्हें भी नए नए पर्यटन स्थल सस्ते एवं सही मुहैया कराने के लिहाज से कंपनियां अब उच्च वर्ग के लोगों तक ही नही बल्कि नवधनाढयवर्ग के लोगों तक भी अपनी पहुंच बना रही हैं। उधर,एयरलाइन कंपनियों द्वारा कमीशन बंद किए जाने पर पड़ने वाले असर के बारे में क्लियरट्रिप का कहना है कि चूंकि हमारा ज्यादा कारोबार होटलों और अन्य प्रकार की बुकिंगों से होता है, लिहाजा 5 फीसदी कमीशन बंद होने से बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।