दुनिया में टीके की सबसे ज्यादा खुराकें बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी अदार पूनावाला ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से टीके के कच्चे माल से निर्यात पाबंदी हटाने का अनुरोध किया है। निर्यात पर लगी इस पाबंदी से भारत में टीके के उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
पूनावाला ने अमेरिका के राष्ट्रपति को टैग करते हुए आज ट्वीट किया, ‘अगर हम वास्तव में इस वायरस को हटाने के लिए एकजुट हैं तो अमेरिका से बाहर के टीका उद्योग की ओर से मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि अमेरिका से कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक हटा लें ताकि टीके का उत्पादन बढ़ाया जा सके। आपकी सरकार के पास इसका ब्योरा है।’
कंपनी अमेरिका से फिल्टर, बैग और मीडिया सॉल्यूशन जैसा कच्चा माल आयात करती है। पूनावाला ने हफ्ते भर पहले बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की वजह से नोवावैक्स टीके के उत्पादन को बढ़ाने में समस्या हो रही है। सीरम ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साथ इस टीके को देश में बनाने और 3 डॉलर प्रति खुराक पर कोवैक्स को आपूर्ति करने का करार किया है। कंपनी भारत और अन्य देशों को इसकी आपूर्ति करेगी। इस टीके के लिए क्लीनिकल परीक्षण का काम भी शुरू हो चुका है। पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू होने के बाद हर महीने 5 करोड़ नोवावैक्स टीके बनाने का सीरम का लक्ष्य है।
पूनावाला ने कहा, ‘अमेरिका ने रक्षा कानून लगाकर कच्चे माल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। यह टीके पर रोक लगाने के बराबर ही है। सभी टीका विनिर्माताओं को इसकी वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’ सीरम नोवावैक्स का उत्पादन रोक चुकी है। पूनावाला ने कहा कि अमेरिका से कच्चा माल मिलता रहता तो टीके का 50 फीसदी ज्यादा स्टॉक तैयार कर लिया जाता। सीरम अब कच्चे माल के आयात के लिए नए आपूर्तिकर्ता तलाशने में जुटी है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि भारत बायोटेक को भी टीके में इस्तेमाल होने वाले एडजुवेंट की आपूर्ति में चुनौतियां झेलनी पड़ रही हैं। कंपनी कंसास की वायरोवैक्स से एडजुवेंट लेती है। इसका इस्तेमाल टीके में प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। एडजुवेंट फार्माकोलॉजिकल या इम्यूनोलॉजिकल एजेंट होता है, जो टीके की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ाता है। भारत बायोटेक के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि टीके बनाने के लिए कई तरह का कच्चा माल आयात किया जाता है। इसमें से कुछ अमेरिका से और कुछ जर्मनी जैसे देशों से मंगाया जाता है।