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नियोजित मेगा रिफाइनरी विभिन्न जगहों पर होगी विभाजित!

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एजेंसियां
Last Updated- December 15, 2022 | 11:58 PM IST

भूमि अधिग्रहण की चुनौतियों के कारण भारत, सऊदी अरामको और अबू धाबी नैशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) के साथ एक विशाल संयंत्र के बजाय कई रिफाइनरी बनाने पर विचार कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

भूमि खरीद में बाधाएं बुनियादी ढांचे के सुस्त विकास का कारण

भूमि खरीद में बाधाएं एशिया की इस तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचे के सुस्त विकास के प्रमुख कारणों में से हैं। अरामको और ADNOC वर्ष 2018 में पश्चिमी महाराष्ट्र में 12 लाख बैरल प्रतिदिन क्षमता वाली तटीय रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा संचालित फर्मों के एक संघ में शामिल हुए थे, जो अपने तेल के लिए विश्वसनीय आउटलेट तलाश रहे थे।

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लागत 36 प्रतिशत तक बढ़कर 60 अरब डॉलर हो चुकी

जमीन का 15,000 एकड़ का टुकड़ा हासिल करने में हुई देर ने इस परियोजना को लगभग ठप ही कर दिया है। शुरुआत में यह योजना वर्ष 2025 के लिए बनाई गई थी और वर्ष 2019 में किए गए अनुमानों के अनुसार लागत 36 प्रतिशत तक बढ़कर 60 अरब डॉलर हो चुकी है। एक सूत्र ने कहा कि एक प्रस्ताव यह है कि एक के बजाय हमारे पास वास्तव में तीन (भू-भाग) हो सकते हैं, जो इसमें शामिल कंपनियों के बीच चर्चा का विषय है।

First Published : December 15, 2022 | 7:23 PM IST