फिनटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फोनपे ने ‘पिनकोड’ नामक एक नई शॉपिंग ऐप पेश की है, जिसे सरकार द्वारा समर्थित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इसके जरिये वॉलमार्ट समर्थित यह भुगतान ऐप ई-कॉमर्स में प्रवेश करेगी। यह ऐप स्थानीय कॉमर्स पर ध्यान देगी।
इस कदम से वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फोनपे को ई-कॉमर्स क्षेत्र में फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, रिलायंस की जियोमार्ट और टाटा के स्वामित्व वाली बिगबास्केट जैसी कंपनियों से मुकाबला करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
यह क्षेत्र वर्ष 2030 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। फिलहाल पिनकोड केवल बेंगलूरु के ग्राहकों के लिए लाइव है और काफी जल्द अन्य शहरों में इसकी शुरुआत होगी।
पिनकोड ऐप स्थानीय दुकानदारों और विक्रेताओं को बढ़ावा देगी। इसका उद्देश्य प्रत्येक शहर के उपभोक्ताओं को उनके पड़ोस की उन सभी दुकानों के साथ डिजिटल रूप से जोड़ना है, जिनसे वे आम तौर पर ऑफलाइन खरीदारी करते हैं। फोनपे ने कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर, छूट, तुरंत रिफंड और रिटर्न की सुविधा के साथ ऐसा किया जाएगा।
इन्फोसिस के सह-संस्थापक और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकणि और ओएनडीसी के मुख्य कार्याधिकारी टी कोशी की मौजूदगी में यहां कंपनी के कार्यक्रम में पिनकोड ऐप का अनावरण करने के बाद फोनपे के मुख्य कार्याधिकारी और संस्थापक समीर निगम ने कहा ‘हम सभी विक्रेताओं को लोकतांत्रिक तरीके से सूचीबद्ध करेंगे।’
निगम ने कहा कि हम यहां यह तय करने के लिए नहीं हैं कि विजेता कौन है। हम वास्तव में और अधिक विकल्प का रास्ता चाहते हैं। निगम को उम्मीद है कि पिनकोड से अगले कुछेक महीनों के दौरान हर रोज एक लाख से ज्यादा का लेनदेन होगा। शुरुआत के बाद से पिनकोड पर पहले ही किराना के 500 से ज्यादा, खान-पान के लिए 3,000 और फार्मेसी के 200 से ज्यादा विक्रेताओं को शामिल किया जा चुका है। यह ऐप पड़ोसी की दुकानों की अंतर्निहित क्षमता सामने लाने में मदद करेगी।
फोनपे ने कहा कि यह उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धा की तुलना में उत्पादों के बेहतर और व्यापक चयन की पेशकश करेगी और इसमें प्रसिद्ध राष्ट्रीय ब्रांडों के साथ-साथ स्थानीय रूप से विनिर्मित किराने का सामान, परिधान, जूते, सहायक-सामग्री आदि शामिल होंगे। यह न केवल स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी, बल्कि वाणिज्य को सशक्त बनाने वाले पूरे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिसमें एमएसएमई (सूक्ष्य, लघु और मध्य उद्यम) तथा किसान शामिल हैं।