बैंकिंग और दूसरी वित्तीय संस्थाओं के साथ कॉपोरेट सेक्टर में तेजी से टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का चलन बढ़ है। एआई के बढ़ते चलन की वजह से वैश्विक कंपनियां भारत में अपना विस्तार करने में जुटी हैं।
क्रेडिट इंटेलीजेंस, क्रेडिट मैनेजमेंट एवं क्रेडिट इनवेस्टमेंट कंपनी पेपर एडवांटेज (Pepper Advantage) ने पुणे में अपना अत्याधुनिक टेक हब की खोला है। इस टेक हब के जरिए कंपनी भारतीय ग्राहकों के साथ दूसरे देशों के लिए भी एआई सफ्टवेयर तैयार करने का काम करेगी।
ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूरोप, दक्षिण कोरिया, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे देशों में अपनी सेवाएं देने वाली पेपर एडवांटेज भारत के मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बैंगलोर, कोच्चि और अहमदाबाद जैसे शहरों में अपने कार्यालय पहले ही खोल चुकी है। पुणे में टेकहब की शुरुआत भी कर दी अब कंपनी अगले तीन महीनों में कोलकाता, लखनऊ और इंदौर में अपने केन्द्र स्थापित करने वाली है।
पुणे में शुरु किये गए टेकहब से कंपनी नई तकनीक को विकसित करने का काम करेगी। जहां से एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। पेपर एडवांटेज के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत का फिनटेक सेक्टर 35 फीसदी से ज्यादा की वार्षिक दर से बढ़ते हुए, 2030 तक 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर (15.8 लाख करोड़ रूपये) तक पहुंचने की अनुमान है।
इसे देखते हुए, पेपर एडवांटेज ने भारत को अपने तकनीकी विकास का केन्द्र बनाने का फैसला किया है। यह पेपर एडवांटेज के टेक्नोलॉजी विकास का मुख्य केन्द्र होगा। यह ऐसे उत्पादों को उन्नत बनाएगा, जो भारत, इंडोनेशिया, मध्य–पूर्व और दूसरे दक्षिणपूर्वी एशियाई तथा यूरोपीयन बाजारों में ग्राहकों के काम आते हैं।
लोनगार्ड एआई से चलने वाला एक क्रेडिट रिस्क मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है, जिसे कि पहले रिओम.एआई कहा जाता था। लोनगार्ड का अधिग्रहण करने के बाद से पेपर एडवांटेज परिचालन को केन्द्रित करते हुए अपने वैश्विक टेक्नोलॉजी विकास में बदलाव कर रही है। यह टेक हब खासकर लोन देने और उसकी सर्विसिंग के दौरान जोखिम के मूल्यांकन हेतु नई क्रेडिट टेक्नोलॉजीज और एनालिटिक्स को उन्नत करेगा।
पेपर एडवांटेज की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और एल्गोरिदम्स ऋणदाताओं को एक यूनिफाइड प्लेटफॉर्म से सशक्त करती हैं। ताकि समाधानों के एक व्यापक समूह तक पहुँचा जा सके, जिससे डाटा के आधार पर फैसले हों। लोन की हामीदारी की प्रक्रिया में कंपनी की डाटा एवं एनालीटिक सेवाएं गलत दस्तावेजों से जुड़े जोखिम और आर्थिक धोखाधड़ी को बेहद कम करने में सहायक होती हैं।
पेपर एडवांटेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्रासर गेम्मेल ने कहा कि इस टेकहब की शुरुआत से हमारे कारोबार को नई गति मिलेगी। यह नई क्रेडिट टेक्नोलॉजीज के विकास और भारत के फलते-फूलते फिनटेक इकोसिस्टम में उल्लेखनीय योगदान करने के लिये हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है। पेपर एडवांटेज इंडिया के सीईओ मुकुंद कुलकर्णी ने कहा कि हमें खुशी है कि पेपर एडवांटेज का टेक हब भारत में होगा।
लोनगार्ड के अधिग्रहण के बाद से ही भारत में हमारे ग्राहकों की संख्या 40 फीसदी बढ़ी है, जबकि एयूएम में 200 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। टेक्नोलॉजी की प्रगति और हमारे फिनटेक सेक्टर की तेज तरक्की को देखते हुए भारत जल्दी ही टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक वैश्विक केन्द्र बनेगा। यह न केवल पेपर एडवांटेज, बल्कि पूरी दुनिया के लिये होगा।
पेपर एडवांटेज कंपनी की शुरुआत सन 2000 में लंदन में हुई थी। इस समय 9 देशों में कंपनी अपनी सेवाएं दे रही है। भारत में कंपनी दिसंबर 2019 शुरु हुई लेकिन कोविड के कारण कंपनी की असली शुरुआत 2022 के अंत में हो सकी। करीब 50 कर्मचारियों के साथ कंपनी की शुरुआत हुई थी, इस समय 300 से ज्यादा कर्मचारी है। पिछले 15-16 महीनों में कंपनी का पोर्टफोलियों 650 बढ़कर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है, अगले दो-तीन सालों में कंपनी का फोर्टफोलियों 100 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।