पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने कहा कि उसकी योजना ताजा इक्विटी जारी कर 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। कंपनी का बहुप्रतीक्षित आईपीओ इस साल नवंबर में आ सकता है।
कंपनी के नोटिस के अनुसार पूंजी जुटाने के साथ अन्य चीजों पर 12 जुलाई को होने वाली कंपनी की असाधारण आम बैठक में चर्चा की जाएगी। इस नोटिस को बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी देखा है।
कंपनी ने नोटिस में यह भी कहा है कि आईपीओ के जरिये ताजा इक्विटी के साथ ही मौजूदा शेयरधारकों की ओर से खुली पेशकश भी लाई जाएगी।
सूत्रों के अनुसार कंपनी प्राथमिक और द्वितीयक पूंजी जुटाने की पहल से करीब 1 अरब डॉलर जुटाएगी। असाधारण आम बैठक में कंपनी विजय शेयर शर्मा को कंपनी के प्रवर्तक के दर्जे से हटाने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी। सूत्रों ने कहा, ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के नियमों के अनुसार पेटीएम पेशेवर द्वारा प्रबंधित कंपनी है। कोई एक शेयरधारक केवल संस्थापक होने की वजह से कंपनी पर नियंत्रण नहीं रख सकता। किसी भी शेयरधारक को विशेष अधिकार नहीं हो सकते। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे भारत में अन्य सूचीबद्घ कंपनियां होती हैं।’ शर्मा के पास कंपनी में करीब 14.61 फीसदी हिस्सेदारी है।
नोटिस में यह भी बताया गया कि पेटीएम बोर्ड कंपनी कानून, 2013 की धारा 2(69) के तहत प्रवर्तक की परिभाषा का भी विश्लेषण करेगा और सहमति जताएगा कि संस्थापक के पास प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कंपनी के संचालन का नियंत्रण नहीं होगा। कंपनी के शेयरधारक, निदेशक या अन्य उनकी सलाह या निर्देश के तहत काम नहीं कर सकते हैं। 2020-21 वित्त वर्ष के लिए सालाना रिटर्न में कंपनी विजय शेखर शर्मा को कंपनी के प्रवर्तक के तौर पर उल्लेख नहीं करेगी।
7 जून को कर्मचारियों को भेजे गए आंतरिक ईमेल में पेटीएम ने उनके पूछा था कि क्या वे अपने शेयर बेचना चाहेंगे? कर्मचारी आईपीओ के तहत अपने शेयर बेच सकते हैं। उनके पास आंशिक तौर पर या पूरी हिस्सेदारी बेचने का विकल्प होगा। हालांकि आईपीओ के दौरान नहीं बेचे गए शेयर पर एक साल का लॉक-इन लागू होगा। पेटीएम में सॉफ्टबैंक समूह, एंट समूह और बर्कशर हैथवे का भी निवेश है। कंपनी की सालाना आम बैठक 30 जून को होगी।
पेटीएम आईपीओ के जरिये 3 अरब डॉलर (करीब 22,000 करोड़ रुपये) जुटाने की योजना बना रही है। आईपीओ योजना को पेटीएम के बोर्ड से मई में ही सैद्घांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अगर यह निर्गम सफल रहता है तो किसी भारतीय कंपनी का यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले 2010 में कोल इंडिया का 15,475 करोड़ रुपये का आईपीओ आया था।
पेटीएम कंपनी का मूल्यांकन 25 अरब डॉलर से 30 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा मूल्य 16 अरब डॉलर से 1.5 से 1.8 गुना अधिक है। बर्नस्टीन रिसर्च ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पेटीएम केवल वित्तीय ऐप प्रदाता नहीं है बल्कि यह फिनटेक प्लेटफॉर्मों का एक समूह है।
पेटीएम पारिस्थिति में भुगतान (वॉलेट/यूपीआई), मर्चेंट अधिग्रहण, परिसंपत्ति प्रबंधन, बीमा एवं ब्रोकिंग सेवाओं से लेकर ई-कॉमर्स और ई-टिकटिंग प्लेटफॉम्र्स तक उपलब्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पेटीएम के उपयोगकर्ताओं की संख्या 35 करोड़ है जिनमें से करीब 5 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता और 2 करोड़ से ज्यादा विक्रेता शामिल हैं। तकरीबन 10 करोड़ उपयोगकर्ता केवाईसी अनुपालन वाले हैं। पेटीएम का गैर-भुगतान कारोबार भी तेजी से विकास कर रहा है।’